
वंदे भारत(हर्ष शर्मा) हिंदू नववर्ष ‘विक्रम संवत 2081’ की शुरुआत के साथ रामनवमी पर्व पर अयोध्या में ऐतिहासिक आयोजन करने योजना पर काम चल रहा है। इस नव्य व भव्य राम मंदिर के उद्घाटन का विश्व साक्षी बना है। अब विश्व राम मंदिर में विज्ञान के चमत्कार को रामनवमी के अवसर पर देखेगा। यह प्राकृतिक रचना व मानवीय संरचना से मिलकर तैयार होगा।
चैत्र नवरात्र की नवमी पर रामनवमी मनाई जाती है। इस अवसर पर राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला पर सूर्य की किरणों से तिलक किया जाएगा। विज्ञान की मदद से पहली बार यह किया जाएगा।
क्या है प्रोजेक्ट सूर्य तिलक
ट्रस्ट के अनुसार सूर्य तिलक के इस प्रोजेक्ट को रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक संभालेंगे। वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए मिरर, लेंस व पीतल का प्रयोग करेंगे। इसको बिना बिजली व बैटरी की मदद से किया जाएगा। हर साल रामनवमी के अवसर पर रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा।
ढाई से पांच मिनट के लिए होगा अभिषेक
रामनवमी पर मध्य बेला में 12 बजे ढाई से पांच मिनट के लिए रामलला का सूर्य की किरणों से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान सूर्य की किरणें रामलला के ऊपर सीधे गिरेंगी। इस दौरान राम जन्मोत्सव की धूम सभी ओर होगी।
सोमवार के दिन इस प्रोजेक्ट का सफल परीक्षण हुआ। मंदिर की व्यवस्था को संभालने वाले विहिप नेता गोपाल ने इसकी जानकारी सभी को दी।
ट्रस्ट ने की थी प्रोजेक्ट की परिकल्पना
जानकारों का कहना है कि इस तरह के मंदिर बहुत कम ही देखने को मिलते हैं, जहां भगवान का सूर्य की किरणों से तिलक होता हो। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना बहुत पहले से ही कर रखी थी।

