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अवैध पटाखा निर्माण का खौफनाक अंजाम

February 3, 2025 2:39 pm

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गुरदीप सिंह को 10 साल की सजा, 1.56 लाख जुर्माना

Vande Bharat 24 Exclusive

जालंधर: छह साल पहले सेंट्रल टाउन से सटे रियाजपुरा में गैरकानूनी पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी गुरदीप सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल की कठोर कैद और 1.56 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माना न भरने पर उसे एक साल अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

गुरदीप सिंह पहले से जमानत पर था, लेकिन सजा सुनाए जाने के बाद उसे तुरंत जेल भेज दिया गया। इस विस्फोट में राधिका और सुनील कुशवाहा की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हुए थे।

कैसे हुआ था हादसा?

पुलिस के अनुसार, 27 मार्च 2018 को दोपहर 3:30 बजे रियाजपुरा इलाके में एक घर की पहली मंजिल पर पटाखों में बारूद भरा जा रहा था। इसी दौरान जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे पूरा घर मलबे में तब्दील हो गया। धमाके की आवाज दूर-दूर तक सुनी गई और मौके पर अफरा-तफरी मच गई।

स्थानीय लोगों ने पुलिस के आने से पहले ही मलबे में दबे लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। एक घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से राधिका का शव निकाला गया, जबकि गंभीर रूप से घायल सुनील की बाद में अस्पताल में मौत हो गई।

गैरकानूनी कारोबार का पर्दाफाश

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गुरदीप सिंह अपने पिता खजान सिंह के साथ मिलकर मंडी रोड पर पतंग और लिफाफे बेचने का काम करता था, लेकिन उसने अपने घर की छत पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चला रखी थी। विस्फोट स्थल से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और प्रतिबंधित चाइना डोर के गट्ट बरामद किए गए, जिससे यह भी संदेह हुआ कि वहां गैरकानूनी डोर का कारोबार भी हो रहा था।

गुरदीप को 2018 में मिली थी जमानत

धमाके के बाद पुलिस ने गुरदीप को गिरफ्तार कर लिया था और एक्सप्लोसिव सबस्टेंस एक्ट की धारा 3 व 5, और आईपीसी की धारा 304, 308, 337, 338 व 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, 6 जून 2018 को उसे जमानत मिल गई थी।

अब अदालत ने गुरदीप को दोषी ठहराते हुए उसे 10 साल की सजा और भारी जुर्माने की सजा सुनाई है।

Harsh Sharma
Author: Harsh Sharma

Journalist

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