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Lawrence Bishnoi: गुजरात की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई एक बार फिर से मौन व्रत पर है। लॉरेंस बिश्नोई हर मंगलवार के अलावा 9 रात्रि में पूरे 9 दिन का व्रत रखता है। 9 दिन तक लॉरेंस बिश्नोई मौन व्रत रखता है.इस दौरान वो किसी से बातचीत भी नहीं करता है।बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार से लॉरेंस मौन व्रत पर है। सूत्रों के मुताबिक उसने गुप्त 9 रात्रि का मौन व्रत रखा हुआ है।वह 12 फरवरी को व्रत खोलेगा. इसी दिन लारेंस का जन्मदिन भी होता है, यानी इस बार वह पूरे 13 दिन मौन व्रत पर है।
दरअसल, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की साजिश में मुंबई पुलिस ने भले ही चार्जशीट में लारेंस बिश्नोई को आरोपी नहीं बनाया हो लेकिन इस हत्याकांड के बाद अहमदाबाद की साबरमती जेल में उस पर काफी कड़ाई कर दी गई है। कुछ महीने पहले दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में नादिर शाह का मर्डर हुआ था, उस हत्याकांड की जांच में सामने आया था कि लॉरेंस साबरमती जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था और उसी ने हत्याकांड को अंजाम दिलवाया था. हालांकि ये बात पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई।
बड़ी वारदात देने से पहले बिश्नोई रखता है मौन व्रत
फिलहाल जेल में मौन व्रत के दौरान लारेंस जेल अधिकारियों से इशारों में ही बातचीत कर रहा है। इधर हड़कंप इस बात का है कि जब-जब लॉरेंस मौन व्रत पर रहता है, तब तब कोई बड़ा कांड होता है. सूत्रों के मुताबिक जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था। साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है।
खास बैरक में रखा गया है बिश्नोई
गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है। इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है।जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है। साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं।
इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है। क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं। सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है। उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है।
Author: Harsh Sharma
Journalist