जूते बेचने वाला बना रियल एस्टेट किंग, राजनीतिक सरंक्षण में चल रहा अवैध धंधा
Vande Bharat 24 Exclusive
Jalandhar: जालंधर वेस्ट— न्यू दशमेश नगर में अवैध कॉलोनी धड़ल्ले से काटी जा रही है और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कॉलोनी पार्षद के कार्यालय के सामने ही काटी गई है और इसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
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सूत्रों के मुताबिक, न्यू दशमेश नगर की इस अवैध कॉलोनी में हो रहे अवैध निर्माण की चर्चा पूरे शहर में हो रही है। बताया जा रहा है कि इस कॉलोनी को काटने में एक जूते बनाने वाला व्यक्ति भी हिस्सेदार है, जिसके राजनीतिक लोगों से गहरे संबंध हैं और उसे पूरा संरक्षण प्राप्त है। नियमों के अनुसार, किसी भी कॉलोनाइजर को कॉलोनी विकसित करने के लिए सरकार और प्रशासन से मंजूरी लेनी होती है, लेकिन बिना अनुमति के इस तरह कॉलोनी काटकर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
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नगर निगम द्वारा समय-समय पर अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जाते हैं, लेकिन उन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। यही वजह है कि इस कॉलोनी में भी अवैध रूप से ऊंची-ऊंची इमारतें बनाकर उन्हें 30 से 40 लाख रुपये तक बेचा जा रहा है। कुछ साल पहले नगर निगम ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्ती दिखाई थी, लेकिन वह सिर्फ अखबारों और सोशल मीडिया तक ही सीमित रह गई। नगर निगम के भवन विभाग की कथित मिलीभगत के चलते अवैध कॉलोनियों का विस्तार हो रहा है, जिससे सरकार और नगर निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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कॉलोनाइजर मूलभूत सुविधाएं नहीं दे रहे
अवैध रूप से काटी जा रही इन कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों द्वारा किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं। इन कॉलोनियों में न तो बारिश के पानी की निकासी के लिए नालियों का प्रबंध किया गया है और न ही रोशनी, पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी गई हैं।
नियमों के अनुसार, किसी भी कॉलोनी में कॉलोनाइजर को सड़क, पीने के पानी, रोशनी, और पानी की निकासी जैसी सुविधाएं देना अनिवार्य होता है। इसके अलावा, कॉलोनाइजरों को कॉलोनी काटने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी जरूरी होती है, लेकिन क्षेत्र में ज्यादातर कॉलोनाइजर बिना अनुमति के ही कॉलोनियां काट रहे हैं।
मेयर के दावों पर उठे सवाल
नगर निगम के नए मेयर वनीत धीर ने पद संभालते ही अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने दावा किया था कि आने वाले महीनों में जालंधर को एक नई पहचान मिलेगी और अवैध निर्माणों पर रोक लगेगी। लेकिन हकीकत इससे उलट नजर आ रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर निगम और प्रशासन इस मामले में कब तक चुप्पी साधे रहते हैं और क्या अवैध कॉलोनी काटने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
![Harsh Sharma](https://secure.gravatar.com/avatar/e40bce3401599c1dcae2e26aa18a9db3?s=96&r=g&d=https://vandebharat24.com/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)
Author: Harsh Sharma
Journalist