डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश जारी किया है, जिसके तहत Google, Meta, Instagram और X समेत सभी प्लेटफॉर्म्स को उन कंटेंट या ऐप्लिकेशन्स को हटाना होगा, जो कॉलर आईडी टैम्परिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो, ऐसे कंटेंट या ऐप्स को हटाना होगा, जिनकी मदद से टेलीकॉम यूजर्स अपनी असली पहचान छिपा सकते हैं। Telecommunications Act 2023 के तहत इसे अपराध माना गया है। DoT का यह कदम कॉलर लाइन आईडेंटिफिकेशन फ्रॉड (CLI स्पूफिंग) को रोकने के लिए उठाया गया है।
DoT ने यह निर्देश क्यों जारी किया?
DoT ने यह एडवायजरी तब जारी की, जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया कि टेलीकॉम यूजर्स किस तरह से अपनी कॉलर आईडी बदल सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि जब कोई व्यक्ति इस तकनीक का उपयोग कर कॉल करेगा, तो रिसीवर को असली नंबर के बजाय कोई दूसरा नंबर दिखाई देगा। इसे CLI स्पूफिंग कहते हैं, जो टेलीकॉम सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
कॉलर आईडी से छेड़छाड़ अपराध है
आमतौर पर सोशल मीडिया से जुड़े नियम मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT (MeitY) जारी करती है, लेकिन इस मामले में DoT ने कार्रवाई की है, क्योंकि यह टेलीकॉम कानून के अंतर्गत आता है।
एडवायजरी के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक इन नियमों का पालन करना होगा। यदि कंपनियां इन निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
DoT ने स्पष्ट किया है कि कोई भी ऐप या प्लेटफॉर्म जो इस तरह की सेवाएं प्रदान करता है या प्रमोट करता है, उसे भी अपराध माना जाएगा।
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Author: Harsh Sharma
Journalist