पंजाब डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के पंजाब के सरकारी स्कूलों के दौरे का विरोध करते हुए इसे राज्य के मामलों में सीधा हस्तक्षेप करार दिया है। डीटीएफ के महासचिव मोहिंदर सिंह कौरियांवाला ने कहा, “यह चिंता की बात है कि अपनी खुद की चुनी हुई सरकार होने के बावजूद, दूसरे राज्यों के राजनेता हमारे राज्य में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब की एक अनूठी पहचान है, जो भाषा और अन्य पहलुओं के जरिये इसके स्कूलों में भी झलकती है। दूसरे राज्यों के राजनेता हमारे राज्य में एजुकेशन के अपने असफल दिल्ली मॉडल को आगे नहीं बढ़ा सकते।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार के बाद मनीष सिसोदिया ने पंजाब के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। उन्होंने पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के साथ तरनतारन में स्कूल ऑफ एमिनेंस का निरीक्षण किया और नूरदी के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल में प्राइमरी टीचर्स के लिए आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लिया। इसके अलावा, सिसोदिया ने नूरदी के सरकारी मिडिल स्कूल, दलेके के सरकारी हाई स्कूल और वलीपुर के सरकारी स्कूलों का भी दौरा किया।
तरनतारन के एजुकेशन ऑफिसर (DEO) राजेश कुमार ने दावा किया कि उन्हें सिसोदिया के दौरे की कोई पूर्व जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, “मैं अपनी ड्यूटी में व्यस्त था। कुछ शिक्षकों ने मुझे बताया कि सिसोदिया और बैंस ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया, लेकिन मैं वहां मौजूद नहीं था।”
डीटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव ने भी सिसोदिया के दौरे का विरोध किया और कहा, “सिसोदिया और बैंस पिछले तीन दिनों से पंजाब के सरकारी स्कूलों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। इससे पहले भी सिसोदिया मोहाली और गुरदासपुर के स्कूलों का दौरा कर चुके हैं। वह शिक्षकों को निर्देश दे रहे हैं और पंजाब के मामलों में सीधा हस्तक्षेप कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी अपने असफल दिल्ली शिक्षा मॉडल को पंजाब में थोप रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
दिल्ली चुनाव में हार के बाद AAP के सामने नई चुनौती
AAP की करारी हार के बाद पंजाब में पार्टी नेतृत्व को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई थीं। इस बीच, 11 फरवरी को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि पंजाब में भगवंत मान ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे और नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी अटकल को खारिज किया।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के ओएसडी दपिंदर सिंह ने बताया, “मुझे सिसोदिया के दौरे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन वह आए थे और अब दिल्ली लौट चुके हैं।”
क्या पंजाब की शिक्षा व्यवस्था पर दिल्ली मॉडल का प्रभाव पड़ेगा?
सिसोदिया को आम आदमी पार्टी दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने का श्रेय देती है, लेकिन पंजाब के शिक्षक संगठनों और राजनीतिक दलों का मानना है कि पंजाब की शिक्षा व्यवस्था और संस्कृति अलग है, जिस पर बाहरी मॉडल नहीं थोपा जा सकता। डीटीएफ के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर आगे विरोध प्रदर्शन करने के संकेत दिए हैं। अब देखना होगा कि पंजाब सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है।
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