Vande Bharat 24
म्यांमार में जारी गृहयुद्ध के बीच एक भीषण भूकंप ने देश को हिला कर रख दिया। 7.7 तीव्रता के इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस विनाशकारी आपदा के बीच, गृहयुद्ध अस्थायी रूप से थमता दिख रहा है।
रविवार को सेना के तख्तापलट के विरोध में लड़ने वाले लड़ाकों ने अगले दो सप्ताह तक अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा की, जिससे राहत और बचाव कार्यों को तेज किया जा सके। पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) ने 30 मार्च 2025 से भूकंप प्रभावित इलाकों में आक्रामक सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा की। यह बयान शैडो नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) की ओर से जारी किया गया। हालांकि, PDF ने स्पष्ट किया कि यदि उन पर हमला हुआ तो वे आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करेंगे।
NUG ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा कि वे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में सुरक्षा, परिवहन, अस्थायी बचाव और चिकित्सा शिविरों की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करने की योजना बना रहे हैं।
भूकंप से बढ़ती तबाही
म्यांमार में भूकंप के बाद लगातार मलबे से शव निकाले जा रहे हैं। मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हो गई है। सत्तारूढ़ सेना ने शनिवार को सरकारी टेलीविजन पर इसकी पुष्टि की। इससे कुछ घंटे पहले मृतकों की संख्या 1,002 बताई गई थी। इस आपदा में अब तक 3,408 लोग घायल हुए हैं, जबकि 139 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। शुक्रवार दोपहर आए इस भूकंप के बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 मापी गई। भूकंप के कारण कई इमारतें गिर गईं, सड़कें टूट गईं, पुल ढह गए और एक बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया। राजधानी नेपीता में शनिवार को सड़कों की मरम्मत का कार्य जारी था, जबकि अधिकांश इलाकों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।
भूकंप के बाद भी जारी रही लड़ाई
म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटा दिया था। इसके बाद से देश में लंबे समय से विद्रोही संगठनों और लोकतंत्र समर्थक समूहों के बीच गृहयुद्ध जारी है। भूकंप के बाद भी सैन्य बलों द्वारा विद्रोही संगठनों पर हमले किए गए। उत्तरी कायिन और दक्षिणी शान राज्यों में तीन हवाई हमले दर्ज किए गए, जो मांडले राज्य की सीमा से सटे हुए हैं।
अमेरिकी सेना के पूर्व विशेष बल अधिकारी डेव यूबैंक, जो ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ नामक मानवीय सहायता संगठन का नेतृत्व करते हैं, ने बताया कि भूकंप प्रभावित इलाकों में रक्तदान की मांग बढ़ गई है।

अंतरराष्ट्रीय मदद का ऐलान
चीन ने 135 से अधिक बचाव कर्मियों और विशेषज्ञों को मेडिकल किट और जेनरेटर जैसी सामग्रियों के साथ भेजा है। उसने आपातकालीन सहायता के रूप में 13.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा भी किया है।
रूसी सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, रूस ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री लेकर दो विमान भेजे हैं। मलेशिया ने भी 50 सदस्यों की एक टीम को म्यांमार भेजने की घोषणा की है। भारत ने एक बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजी है।
थाईलैंड में भी महसूस किए गए झटके
भूकंप के झटके म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी महसूस किए गए। राजधानी बैंकॉक सहित कई क्षेत्रों में भूकंप से नुकसान हुआ है। बैंकॉक के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 78 लोग लापता हैं।
बैंकॉक के चतुचक बाजार के पास एक निर्माण स्थल पर भारी तबाही हुई। भूकंप के दौरान, एक चीनी कंपनी द्वारा निर्मित 33 मंजिला ऊंची इमारत हिलने लगी और धूल के विशाल गुबार के साथ गिर पड़ी। इससे लोग चीखते हुए घटनास्थल से भागने लगे।
मलबा हटाने के लिए भारी मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन लापता लोगों के परिवारों की उम्मीदें धीरे-धीरे खत्म होती जा रही हैं।
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