Vande Bharat 24 Exclusive
अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में जहां दर्जनों लोगों की जान चली गई, वहीं इस दिल दहला देने वाली त्रासदी के बीच एक चमत्कारिक खबर भी सामने आई है। हादसे में एक यात्री विश्वास कुमार रमेश ज़िंदा बच निकले। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक ने जानकारी दी कि सीट नंबर 11ए पर एक जीवित व्यक्ति मिला है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है।
कमिश्नर मलिक ने कहा कि फिलहाल मृतकों की संख्या को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है क्योंकि विमान एक रिहायशी इलाके में गिरा था और वहां भी कई जान-माल का नुकसान हुआ है।
“जब होश आया, तो चारों तरफ लाशें ही लाशें थीं”
40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो इस हादसे में जिंदा बचे, ने मीडिया से बातचीत में बताया, “टेकऑफ के करीब 30 सेकंड बाद ही जोरदार धमाका हुआ और विमान क्रैश हो गया। सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि हमें समझने का मौका तक नहीं मिला। जब मेरी आंख खुली, तो चारों ओर लाशें ही लाशें पड़ी थीं। मैं घबरा गया और वहां से भागने की कोशिश करने लगा। हर तरफ विमान के टुकड़े बिखरे पड़े थे। फिर किसी ने मुझे पकड़कर एंबुलेंस में डाला और अस्पताल पहुंचाया।
परिवार से मिलने भारत आए थे विश्वास
विश्वास कुमार मूल रूप से ब्रिटेन के नागरिक हैं और पिछले 20 वर्षों से लंदन में रह रहे हैं। वह कुछ दिन पहले ही भारत अपने परिवार से मिलने आए थे और अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ लंदन लौट रहे थे। उनकी पत्नी और बच्चे अभी भी लंदन में रहते हैं।
इस हादसे पर ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय और क्वीन कैमिला ने गहरा दुख जताया है और इसे “हिला देने वाली घटना” करार दिया है।
AAIB करेगी हादसे की जांच
विमान हादसे की जांच अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को सौंपी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, AAIB के महानिदेशक और जांच निदेशक समेत एक टीम अहमदाबाद रवाना हो गई है। बोइंग कंपनी ने भी बयान जारी कर कहा है कि उन्हें शुरुआती रिपोर्ट्स की जानकारी है और वे पूरी घटना की विस्तृत जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।
डीएनए सैंपल से होगी शवों की पहचान
गुजरात सरकार ने विमान में सवार लोगों के परिजनों से डीएनए सैंपल देने की अपील की है ताकि शवों की पहचान की जा सके। हादसा इतना भयावह था कि कई शव बुरी तरह जल चुके हैं और पहचान करना मुश्किल हो गया है।
यह हादसा जहां एक तरफ पूरे देश को सदमे में डाल गया है, वहीं विश्वास कुमार जैसे चमत्कारिक बचाव की कहानी थोड़ी राहत देती है – लेकिन यह भी इस त्रासदी की भयावहता को बयां करती है।

Author: Harsh Sharma
Journalist