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छत्तीसगढ़ में कानून और नियमों की धज्जियाँ उड़ाने का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बलरामपुर-रामानुजगंज की 12वीं बटालियन में तैनात DSP तसलीम आरिफ़ की पत्नी ने सरकारी गाड़ी के बोनट पर बैठकर अपना जन्मदिन का केक काटा, जबकि साथ मौजूद अन्य महिलाएँ दरवाज़ों से लटककर और सनरूफ से बाहर झाँककर जश्न मनाती रहीं। यह घटना तब और भी गंभीर हो गई जब यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें सरकारी नीली बत्ती लगी महिंद्रा XUV700 गाड़ी नियमों और ट्रैफ़िक सुरक्षा की खुल्लमखुल्ला अवहेलना करती दिखाई दी।
विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार और प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है कि क्या प्रशासन इस मामले में वास्तविक कार्रवाई करेगा या फिर ताकतवर लोगों के खिलाफ नियमों को दरकिनार कर देगा? हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने DSP या उनकी पत्नी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया, बल्कि एक ‘अज्ञात ड्राइवर’ के खिलाफ FIR दर्ज कर दी है। मामला मोटर वाहन अधिनियम की धाराएँ 177, 184 और 281 के तहत दर्ज किया गया है, जो लापरवाह और सार्वजनिक खतरे वाली ड्राइविंग से संबंधित हैं।

DSP तसलीम आरिफ़ या उनकी पत्नी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई में चुप्पी साधने से सिस्टम में पक्षपात और जवाबदेही की कमी का मुद्दा और गहराने लगा है। यह मामला सवाल खड़े करता है कि क्या नियम सिर्फ़ आम लोगों के लिए ही बने हैं?

Author: Harsh Sharma
Journalist