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बरसात की एक बूंद गिरे उससे पहले ही शहर की सड़कों ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। जी.टी.बी. नगर और महावीर मार्ग पर एल. एंड टी. कंपनी द्वारा किए जा रहे सरफेस वॉटर प्रोजेक्ट के तहत खुदाई ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। खुदी सड़कों, गड्ढों, धंसी जमीन और बिखरी मिट्टी ने सड़क को खतरनाक बना दिया है।
चिक-चिक चौक में पिकअप वैन फंसी, घंटों मशक्कत के बाद निकली बाहर
महावीर मार्ग स्थित चिक-चिक चौक पर स्थिति और भी भयावह हो गई जब एक पिकअप वैन मिट्टी में धंस गई। स्थानीय लोगों ने घंटों की मशक्कत के बाद वाहन को बाहर निकाला। निवासियों का कहना है कि खुदाई के बाद सड़क सुधारने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही।
गड्ढे, फिसलन और कीचड़ से जूझ रहा शहर
सड़कों पर फैली मिट्टी और गड्ढों ने न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था को चरमराया है, बल्कि फिसलन और कीचड़ के कारण रोज़ाना छोटे-बड़े हादसे हो रहे हैं। सांस और त्वचा संबंधी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ रहा है।

बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए गए
स्थानीय लोगों ने एल एंड टी कंपनी और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि न तो खुदाई के स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई और न ही चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। इससे वाहन चालकों को बिना किसी पूर्व सूचना के खुदी सड़कों से गुजरना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता का बढ़ता गुस्सा
निवासियों और पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़कों की मरम्मत नहीं की गई, चेतावनी संकेत नहीं लगाए गए और धूल नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, तो बरसात में हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
अब सवाल यह है कि अगर साफ पानी देने का प्रोजेक्ट लोगों की जान और सेहत को खतरे में डाल रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? शहरवासी जानना चाहते हैं कि कब जागेगा प्रशासन?
जनता की मांग साफ है: तुरंत सुधार कार्य शुरू हो, नहीं तो शहर में आंदोलन तय है।

Author: Harsh Sharma
Journalist