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पंजाब की सियासत में उस समय हलचल मच गई जब शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस टीम ने रेड के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्हें मोहाली लाया गया है। मजीठिया ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश और बदले की कार्रवाई बताया है।
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आम आदमी पार्टी (AAP) के ही विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने मजीठिया की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने मजीठिया की पत्नी और विजिलेंस टीम के बीच हुई बहस का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यह कार्रवाई न सिर्फ गलत है, बल्कि परिवार की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली भी है।
“परिवार की गरिमा सबके लिए जरूरी होती है”
AAP विधायक कुंवर विजय प्रताप ने कहा, “मजीठिया जी जब पहले जेल में थे तो न कोई पूछताछ हुई, न रिमांड मांगी गई। उन्हें बेल लेने दी गई। अब अचानक से उनके घर रेड मारना, उनकी पत्नी से बहस करना – ये सब अनैतिक और अमर्यादित व्यवहार है।”
उन्होंने आगे कहा, “नेता हो, अभिनेता हो या आम आदमी – हर किसी के घर की गरिमा होती है। सुबह-सुबह जबरदस्ती घर में घुसना गलत है। सरकारें बार-बार पुलिस और विजिलेंस का दुरुपयोग करती रही हैं, लेकिन इसका लाभ किसी को नहीं मिला है।”

“पहले बेल दिलाई, अब रेड क्यों?”
पूर्व आईपीएस और वर्तमान विधायक कुंवर विजय प्रताप ने साफ तौर पर कहा कि जब मजीठिया कांग्रेस सरकार के समय जेल में थे, तब भगवंत मान सरकार ने उनकी रिमांड नहीं ली, कोई सवाल नहीं पूछा और अदालत में बेल का विरोध भी नहीं किया।
उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालय ने भी यही कहा था कि अगर पुलिस पूछताछ नहीं चाहती तो किसी व्यक्ति को जेल में रखना कानून के खिलाफ है। अब सवाल यह है कि जब सरकार ने बेल में मदद की, तो अब अचानक पूछताछ के नाम पर रेड और बदसलूकी क्यों?”
“सिद्धांतों पर बोलना जरूरी है”
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि उनके मजीठिया से राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन जब बात सिद्धांतों और नैतिकता की आती है, तो चुप नहीं रहा जा सकता।
उन्होंने कहा, “यह मामला विचारधारा का नहीं, न्याय और गरिमा का है। चाहे कोई दुश्मन ही क्यों न हो, घर में जबरन घुसना और महिला से बहस करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता।”
AAP विधायक का यह बयान क्यों है अहम?
बता दें कि कुंवर विजय प्रताप सिंह पूर्व में आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं और उन्होंने बेअदबी कांड की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व भी किया था। ऐसे में विजिलेंस की कार्रवाई को लेकर उनका सवाल उठाना सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी राय व्यक्तिगत और सिद्धांतों पर आधारित है, और वह पहले भी आम आदमी पार्टी सरकार के कुछ फैसलों से असहमति जता चुके हैं।
संपादकीय निष्कर्ष: जहां मजीठिया की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, वहीं अपनी ही पार्टी के विधायक द्वारा उठाए गए सवालों ने सरकारी कार्रवाई की मंशा और तरीका दोनों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

Author: Harsh Sharma
Journalist