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हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तैनात सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। 22 और 23 जून को ईडी की चंडीगढ़ जोनल यूनिट ने हिमाचल, पंजाब और हरियाणा के सात ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें करोड़ों की अवैध संपत्ति, दर्जनों बैंक खाते और महंगी शराब का जखीरा जब्त किया गया।
40 से अधिक बैंक खाते, तीन लॉकर और 60+ शराब की बोतलें
ईडी ने सरीन के घर से 40 से ज्यादा बैंक खातों की जानकारी, तीन लॉकर, दो लग्जरी गाड़ियां (कीमत लगभग 32 लाख रुपये) और न्यू चंडीगढ़ स्थित ओमेक्स कैसिया सोसाइटी में उनके आवास से 60 से अधिक महंगी शराब की बोतलें बरामद कीं। इसके अलावा, उनके पास एल-50 लाइसेंस भी मिला है, जो “होम बार” रखने के लिए जारी किया जाता है।
सरकारी अधिकारी के पास बार लाइसेंस पर सवाल
ईडी अब इस बात की जांच कर रही है कि एक सरकारी अधिकारी को इस तरह के बार लाइसेंस की आवश्यकता क्यों पड़ी। क्या शराब सिर्फ निजी शौक के लिए रखी गई थी या इसके पीछे कोई और उद्देश्य था? जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं उनका घर पार्टी हब या किसी अवैध गतिविधि का केंद्र तो नहीं था।

आबकारी विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी ने राज्य के आबकारी विभाग को भी औपचारिक रूप से सारी जानकारी भेज दी है। जब्त की गई शराब अब विभाग को सुपुर्द कर दी गई है, और जांच का दायरा अन्य पहलुओं तक बढ़ाया जा रहा है।
पूर्व में भी लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
निशांत सरीन पहले बद्दी में सहायक ड्रग कंट्रोलर के पद पर तैनात रह चुके हैं और 2019 में उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी का कहना है कि यह मामला आय से अधिक संपत्ति, घूसखोरी और सरकारी पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने से जुड़ा है।
फिलहाल जांच एजेंसियां दस्तावेजों की गहनता से पड़ताल कर रही हैं और संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Author: Harsh Sharma
Journalist