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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आमदनी से अधिक संपत्ति मामले में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद अब तक इस मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय से लेकर उनके पूर्व निजी सहायक तलबीर सिंह गिल तक चार अहम गवाहों ने विजिलेंस के सामने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं।
आज कई ठिकानों पर होगी तस्दीक
आज विजिलेंस मजीठिया को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर ले जाएगी। इसके लिए टीम का काफिला कई गाड़ियों के साथ रवाना हो चुका है। विजिलेंस का दावा है कि गवाहों के बयानों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिन्हें मौके पर जाकर जांचा और परखा जाएगा। रिमांड खत्म होने से पहले विजिलेंस अधिकतम सबूत जुटाने की कोशिश में है। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को तय है।

अब तक दर्ज किए गए प्रमुख गवाहों के बयान:
- सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (पूर्व डीजीपी, पंजाब):
वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले उनके कार्यकाल के दौरान मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। यह कार्रवाई सीधे उनकी निगरानी में हुई थी। उन्होंने कहा कि यह केस प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के आधार पर था, और अब जो विजिलेंस केस 2024 में दर्ज हुआ है, वह भी तथ्यों पर आधारित है। - निरंजन सिंह (पूर्व डिप्टी डायरेक्टर, ED):
2013 में निरंजन सिंह ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी, जो ड्रग तस्करी मामले से जुड़ी हुई थी। उन्होंने बताया कि ‘भोला’ नामक आरोपी ने पूछताछ में मजीठिया का नाम लिया था। हालांकि मजीठिया खुद पेश नहीं हुए थे। इसी जांच के आधार पर 2021 में NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ, जिसमें अब तक 17 लोगों को सज़ा हो चुकी है। - बोनी अजनाला (पूर्व करीबी, अब विरोधी):
बोनी अजनाला ने बताया कि 2013 में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को एक पत्र लिखकर मजीठिया की ड्रग तस्करों से नजदीकियों की जानकारी दी थी। उन्होंने दावा किया कि मजीठिया ने उन्हें एक नशा तस्कर से मिलवाया था और उसे अपना “जिगरी यार” कहा था। अजनाला का कहना है कि वह तब से इस मामले में आवाज़ उठा रहे हैं। - तलबीर सिंह गिल (मजीठिया के पूर्व निजी सचिव):
मजीठिया के कार्यालय से जुड़ी हर जानकारी रखने वाले तलबीर सिंह ने भी विजिलेंस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है। वह अब मजीठिया से अलग हो चुके हैं और केस में अहम गवाह माने जा रहे हैं।
540 करोड़ की संपत्ति, 26 ठिकानों पर छापे
मजीठिया की गिरफ्तारी के साथ ही विजिलेंस ने उनके 26 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान उनके घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज़ जब्त किए गए।
विजिलेंस के अनुसार मजीठिया ने गैरकानूनी ढंग से 540 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। उनके अधीन कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जमा हुई। इसके अलावा विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। वित्तीय दस्तावेज़ों में 236 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी वैध विवरण के दर्ज की गई।

Author: Harsh Sharma
Journalist