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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले के गोहर ब्लॉक में हुई है, जहां कई गांवों का संपर्क कट गया है और जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
सराज में उजड़ गया एक परिवार, लेकिन बची 11 महीने की मासूम
सराज विधानसभा क्षेत्र के परवाड़ा गांव में आई भीषण बाढ़ ने एक परिवार को उजाड़ दिया। इस त्रासदी में एक ही परिवार के तीन सदस्य—मां, पिता और दादी की मौत हो गई। लेकिन इसी मलबे के बीच से 11 महीने की मासूम निकिता का जिंदा निकल आना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
बचाव दल के मुताबिक, निकिता एक दीवार के पीछे छिपी हुई थी। बेसुध, डरी-सहमी, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित मिली।
बच्ची की मुस्कान बनी उम्मीद की किरण
निकिता को बचाने के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एसडीएम स्मृतिका नेगी बच्ची को गोद में लेकर हंसाते हुए नजर आ रही हैं। ये दृश्य हर किसी को भावुक कर गया।
बच्ची की बुआ ने फिलहाल उसकी देखभाल की जिम्मेदारी संभाली है। एसडीएम नेगी, जो पहले भी गर्भवती महिलाओं को राहत पहुंचाने के कार्यों के लिए चर्चित रही हैं, खुद बच्ची की देखरेख में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

समाज ने दिखाई संवेदनशीलता
सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने निकिता की कहानी से प्रभावित होकर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। इससे साफ है कि समाज भी इस मुश्किल वक्त में मानवता और अपनापन निभाने को तैयार है।
राहत-बचाव कार्यों में जुटे अधिकारी भी
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा है।
इस त्रासदी के बीच निकिता की मुस्कान और प्रशासन की संवेदनशीलता एक नई उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।

Author: Harsh Sharma
Journalist