मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में पुलिस हिरासत में अमानवीयता की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिले के सोहरा थाने में 19 वर्षीय एक युवक गेटविन को हिरासत में लेकर बर्बरता की गई, जहां उसे पीटा गया और पीने के लिए शौचालय का पानी मजबूरन पिलाया गया। इस अत्याचार के बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है और वर्तमान में अस्पताल में भर्ती है।
पीड़ित की मां मिल्ड्रेड जिरवा ने पुलिस अधीक्षक विवेक सिम के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि 3 जुलाई को पुलिस एक पुराने झगड़े के मामले में उनके बेटे की तलाश में आई थी। वह खुद बेटे के साथ सुबह 9 बजे थाने पहुंचीं थीं, लेकिन दोपहर 2 बजे जब गेटविन बाहर आया तो उसकी हालत बेहद गंभीर थी। उन्होंने तुरंत उसे पहले सोहरा सीएचसी और फिर शिलांग सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
मां ने पुलिस के रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कहा, “अगर मेरे बेटे से कोई गलती हुई थी, तो कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए थी, न कि थाने में इस तरह की टॉर्चर। पुलिस ने उसके मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया है।”
गेटविन ने भी खुद पर हुई बर्बरता की पुष्टि करते हुए बताया कि हिरासत में उसे बेरहमी से पीटा गया और पानी मांगने पर उसे शौचालय का पानी पीने को मजबूर किया गया।
इस गंभीर आरोप के बाद पुलिस विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि यह मामला न केवल पुलिस के अमानवीय रवैये को उजागर करता है, बल्कि हिरासत में मानवाधिकारों की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
