जालंधर: जालंधर शहर के थाना नंबर 7 से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें पहले से सस्पेंड चल रहे पुलिसकर्मी भूषण कुमार पर अब POCSO एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। भूषण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने एक रेप पीड़ित महिला और उसकी 12 साल की बेटी के प्रति अशोभनीय टिप्पणी करते हुए बच्ची को लेकर “सुंदर दिखती हो” जैसी आपत्तिजनक बात कही। इस बयान के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, भूषण कुमार को पहले पुलिस कमिश्नर ने अनुशासनहीनता और संदिग्ध कार्यशैली के चलते सस्पेंड किया था। बाद में उन्हें एसएसपी देहाती क्षेत्र में दोबारा तैनाती दी गई। लेकिन अब उनके इस व्यवहार ने पुलिस विभाग की छवि को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है।
इस पूरे मामले में महिला आयोग ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। आयोग ने पीड़िता और भूषण कुमार को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। जांच के बाद आयोग ने भूषण के खिलाफ कड़ी departmental कार्रवाई के आदेश जारी किए। अधिकारियों के मुताबिक, POCSO एक्ट की धारा जुड़ने के बाद अब भूषण कुमार की गिरफ्तारी संभव है।
भूषण पहले दर्ज एफआईआर में फरार नहीं थे, लेकिन अब लगाए गए गंभीर आरोप और नई धाराओं के कारण उनकी नौकरी पर भी संकट गहराता दिखाई दे रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, और अगर सबूत पुख्ता मिले तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता और जवाबदेही कितनी आवश्यक है। समाज और प्रशासन दोनों के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि वर्दी में बैठे लोगों से भी जवाबदेही तय की जाए।


















































































