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पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को कई चौंकाने वाले सुराग मिले हैं। हमले के गुनहगारों को पकड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर में लगातार छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठनों हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
एनआईए की जांच में अब तक करीब 20 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से कई को हिरासत में लिया जा चुका है। बताया जा रहा है कि इन OGWs में से चार ने पाकिस्तानी आतंकियों को हमले से पहले इलाके की रेकी करने में मदद की थी।
सूत्रों के अनुसार, हमले से दो दिन पहले आतंकी बैसरन घाटी में देखे गए थे। इसके अलावा आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी को भी आतंकियों ने टारगेट किया था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण वहां हमले को अंजाम नहीं दिया जा सका।

जांच एजेंसियों को 3 सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल के सबूत भी मिले हैं, जिनमें से दो के सिग्नल ट्रेस कर लिए गए हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि एनआईए अब आतंकियों के काफी करीब पहुंच चुकी है।
अब तक 2,500 से अधिक संदिग्धों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 186 अभी भी हिरासत में हैं और पूछताछ जारी है। पूरे जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई है, जिनमें हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों के घर और ठिकाने शामिल हैं।

Author: Harsh Sharma
Journalist