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मां चिंतपूर्णी के दरबार में श्रद्धालुओं की आस्था ने इतिहास रच दिया है। मंदिर में वीरवार के चढ़ावे की गिनती शुक्रवार को शुरू हुई तो गणना हाल में उपस्थित स्टाफ भी हतप्रभ था।गणना का अंतिम आंकड़ा सामने आया तो उसने सबको हैरत में डाल दिया। 48,33,294 रुपये की राशि एक ही दिन में मां के चरणों में अर्पित की गई।
चिंतपूर्णी मंदिर के सरकारी अधिग्रहण (1987) के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा दान है। इससे पहले एक दिन का अधिकतम चढ़ावा लगभग 25 लाख रुपये रहा था। गणना के दौरान दिलचस्प पहलू सामने आया। कुल 87 पैकेट 500-500 रुपये के नोटों से भरे मिले, जिनमें से 80 पैकेट लगभग एक जैसे पैटर्न के थे। मंदिर न्यास के अधिकारियों का अनुमान है कि ये नोट संभवतः एक ही श्रद्धालु ने चढ़ाए हैं, यह राशि 43 लाख 50 हजार रुपये बनती है।
मां के दर्शन के बाद भेंट की राशि
पुजारी दिनेश कालिया ने बताया कि वीरवार शाम साढ़े चार और पांच बजे के बीच एक श्रद्धालु ने मां के दर्शन करने के पश्चात अपने साथ लाए दो बैग में से नोट के पैकेट निकालकर भेंट पात्रों में डाल दिए।
एक पुजारी ने श्रद्धालु से इसके बारे में पूछने का प्रयास किया तो पंजाबी भाषा में श्रद्धालु ने इतना ही कहा- ‘हुण तां गल्ले च पैसे पा दित्ते’ (यानी अब तो राशि भेंटपात्रों में डाल दी गई है)। इसके बाद चुपचाप बिना किसी दिखावे के उक्त श्रद्धालु मंदिर परिसर से चला गया।
एक पुजारी ने श्रद्धालु से इसके बारे में पूछने का प्रयास किया तो पंजाबी भाषा में श्रद्धालु ने इतना ही कहा- ‘हुण तां गल्ले च पैसे पा दित्ते’ (यानी अब तो राशि भेंटपात्रों में डाल दी गई है)। इसके बाद चुपचाप बिना किसी दिखावे के उक्त श्रद्धालु मंदिर परिसर से चला गया।
गणना में मिले इंग्लैंड के पाउंड और कनाडा के डॉलर
नवरात्र मेले के 10 दिन में जितनी मुद्रा मंदिर न्यास को श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ावे से मिलती है उससे अधिक नोट वीरवार की गणना में प्राप्त हुए हैं। इस एक दिन में भेंटपात्रों से इंग्लैंड के 625 पाउंड, कनाडा के 620 डालर और आस्ट्रेलिया के 50 डॉलर भी श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में अर्पित किए हैं।

Author: Harsh Sharma
Journalist