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Delhi: दिल्ली विधानसभा में दो तिहारई बहुतमत हासिल करने के बाद भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम तय करने के लिए मंथन कर रहा है. इसी साल के अंत में बिहार में होने वाले चुनाव का भी ध्यान रखा जा रहा है.इसके साथ ही कोशिश यह भी हो रही है कि केंद्र और दिल्ली फतेह के बाद एमसीडी पर भी कब्जा किया जाए. वहां पर पार्षदों का समीकरण कुछ ऐसा है कि एक झटके में भाजपा का बहुमत हो जाएगा और आप व अरविंद केजरीवाल की बची खुची सियासी जमीन भी दरक जाएगी. भाजपा का एक्शन प्लान सुनकर चौंक जाएंगे.
MCD की सत्ता भी आप के हाथ से जाएगी
दिल्ली में महाजीत के बाद भाजपा केंद्र और दिल्ली के साथ साथ दिल्ली नगर निगम (MCD) में भी सत्ता हासिल करना चाहती है. फिलहाल वहां आप को बहुमत है और उसी का मेयर लेकिन दोनों के पार्षदों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. 250 सदस्यों वाली एमसीडी में भाजपा के पास फिलहाल 112 पार्षद और आप के पास 119 . भाजपा के 8 पार्षद इस विधानसभा चुनाव में चुनाव जीते हैं.
जो पार्षद चुनाव जीते हैं उनमें मुंडका से गजेंद्र दराल, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, राजेंद्र नगर से उमंग बजाज, संगम विहार से चंदन चौधरी, विनोद नगर से रविंदर सिंह नेगी और ग्रेटर कैलाश से शिखा राय शामिल हैं. एक पार्षद कमलजीत सहरावत लोकसभा चुनाव में पश्चिमी दिल्ली से चुनाव जीतकर सांसद हैं. आप के भी तीन पार्षद विधायक बन गये हैं. ऐसे में 12 पार्षदों का का चुनाव होना है. 12 सीटों पर उपचुनाव के बाद एमसीडी की सत्ता आप के हाथ से निकल सकती है जिसको लेकर केजरीवाल बेहद परेशान हैं.
BJP ऐसे हासिल करेगी एमसीडी की सत्ता
नवंबर 2024 में हुए मेयर के चुनाव में आप ने बाजी मारी थी और उसके उम्मीदवार महेश खिंची 3 वोट से चुनाव जीत गये थे. महेश खींची को 133, जबकि बीजेपी उम्मीदवार किशन लाल को 130 वोट मिले थे. मेयर शैली ओबेरॉय का कार्यकाल बढ़ाया गया था इसलिए मौजूदा मेयर का कार्यकाल अप्रैल तक है. मेयर के चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा लोकसभा के 7 और राज्यसभा के 3 सांसद भी वोट डालते हैं. इनके अलावा 14 विधायकों को भी वोट डालने का अधिकार है. तब भाजपा के सातों सांसदों के अलावा 1 विधायक ही वोट डाल सकते थे. कांग्रेस ने वोटिंग का बहिष्कार किया था. मेयर चुनाव में कुल 265 वोट डाले गये थे जिसमें से 2 अवैध घोषित हो गये थे.
वोटों का गणित भाजपा के पक्ष में
263 वोटों में से महेश खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे.बीजेपी के पास तब 113 पार्षद और सांसदों व एक विधायक को मिलाकर उसके पास 121 वोट थे जबकि आप के पास 141 वोटर थे जिनमें 125 पार्षद, 13 विधायक और 3 राज्य सभा सांसद थे. अब परिस्थितियां बदल चुकी है लिहाजा भाजपा उपचुनाव में अपने ज्यादा से ज्यादा पार्षदों को जिताकर और 7 सासंदों व 14 विधायकों के सहयोग से आप को दिल्ली नगर निगम की सत्ता से बेदखल कर सकती है.
आपको बता दें कि कांग्रेस के भी 8 पार्षद हैं जिन्होंने मेयर चुनाव में वोट नहीं डाला था. कांग्रेस यदि उसी नीति पर चली तो भाजपा की राह और भी आसान हो जाएगी. खबर है कि भाजपा मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है क्योंकि उसके पास विधायकों की संख्या और वोट बढ़ गया है. यानी कि दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की पूरी गुंजाइश है.
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Author: Harsh Sharma
Journalist