Vande Bharat 24
कनाडा-Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। हालांकि, लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक टूडो प्रधानमंत्री बने रहेंगे।ट्रूडो ने कहा कि वो पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफ़ा देते हैं और अगला नेता चुने जाने के बाद वो पीएम पद से इस्तीफ़ा देंगे।
सोमवार सुबह (स्थानीय समय के मुताबिक़) प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफ़े की घोषणा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के रूप में हर एक दिन सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही। हमने महामारी के दौरान सेवा की, मज़बूत लोकतंत्र के लिए काम किया, बेहतर कारोबार के लिए काम किया. आप सभी को पता है कि मैं फ़ाइटर हूं.”
जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ” 2015 में जब से मैं प्रधानमंत्री बना, तब से कनाडा और इसके हितों की रक्षा के लिए काम कर रहा हूँ। मैंने मध्य वर्ग को मज़बूत करने के लिए काम किया। देश को महामारी के दौरान एक दूसरे का समर्थन करते देखा.”
24 मार्च तक संसद का सत्र स्थगित करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा, “अगले चुनाव में देश के पास एक बेहतर पसंद होनी चाहिए और अगर ऐसे में वो ‘आंतरिक लड़ाई लड़ते रहेंगे तो वो कनाडा में मतपत्र पर लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं हो सकते हैं।
ट्रूडो ने इस दौरान प्रधानमंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2015 में जब सत्ता संभाली थी तब की तुलना में कनाडा की स्थिति बेहतर है।
कौन लेगा जस्टिन ट्रूडो की जगह
जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के गर्वर्निंग नेता के तौर पर इस्तीफ़ा देने की घोषणा के बाद से इस पर चर्चा तेज़ है कि अब उनकी जगह पार्टी का नेता कौन बनेगा।
टोरंटो की सांसद और पूर्व उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का नाम शीर्ष दावेदारों में से एक है। वहीं, पूर्व सेंट्रल बैंकर मार्क कार्नी का नाम भी इस सूची में है। ट्रूडो ने खुद ये स्वीकार किया था कि वो कार्नी को अपनी टीम में शामिल करना चाहते हैं।
इस लिस्ट में परिवहन मंत्री अनिता आनंद का भी नाम है.कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली का भी नाम है
कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली का भी नाम है.इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो के नौ साल के शासन का अंत होने जा रहा है।
कहा जा रहा है कि जस्टिन ट्रूडो की मतदाताओं के बीच कम होती लोकप्रियता के कारण लिबरल पार्टी के भीतर से ही इस्तीफे का दबाव था।
कनाडा में इसी साल अक्टूबर से पहले चुनाव होने हैं।
टूडो पिछले कुछ समय से न केवल विदेशी मोर्चे पर जूझ रहे हैं बल्कि घरेलू राजनीति में भी उनके लिए कई मुश्किलें खड़ी हुई हैं।ऐसे सर्वे आए हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी चुनाव हार सकती है।
दिलचस्प है कि पड़ोसी देश अमेरिका में ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति की कमान संभालने जा रहे हैं, तब ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा की है. दरअसल ट्रंप ने कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
ट्रंप की इस चेतावनी के बाद ट्रूडो उनसे मिलने अमेरिका गए थे लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला था. यहाँ तक कि ट्रंप ने कनाडा को 51वाँ राज्य बताना शुरू कर दिया था. दरअसल, कनाडा के कुल निर्यात का 75 प्रतिशत निर्यात अमेरिका में होता है. ऐसे में 25 फ़ीसदी टैरिफ़ कनाडा पर बहुत भारी पड़ेगा।
टूडो के इस्तीफ़े के बारे में ख़बर के आने के बाद से ही भारतीय मीडिया में कहा जा रहा है कि भारत के साथ संबंधो में तल्खी ने भी कहीं न कहीं उनकी लोकप्रियता को धक्का पहुंचाया और बात इस्तीफ़े तक आ गई।
Author: Harsh Sharma
Journalist