नई दिल्ली-New Delhi: बीते एक दशक से अधिक समय तक संसद भवन की सुरक्षा में तैनात रहे CRPF के जांबाज ‘पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप’ (PDG) को साल 2024 को संसद की सुरक्षा से हटाई गई इस विशेष इकाई को आखिरकार भंग कर दिया गया है और इस बल की VIP सुरक्षा शाखा में विलय कर दिया गया है, जिसे हाल में 1,000 से अधिक कर्मियों वाली एक नई बटालियन प्रदान की गई है।
इस बाबत गृह मंत्रालय (MHA) ने बीते मंगलवार को एक आदेश जारी कर CRPF के तहत लगभग 1,400 कर्मियों वाले संसद ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) का नाम बदलकर वीआईपी सुरक्षा समूह (VSG) कर दिया। गृह मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में झारखंड के चतरा जिले में तैनात बल की बटालियन संख्या 190 को बल की वीआईपी सुरक्षा इकाई में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। एक हजार से अधिक कर्मियों वाली इस बटालियन को झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया था।
जानकारी हो कि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस समूह (CRPF) की VIP सुरक्षा शाखा वर्तमान में 200 से अधिक लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रही है, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के गांधी परिवार के सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाद्रा शामिल हैं।
बीते साल मई में PDG को संसद भवन की सुरक्षा से वापस बुला लिया गया था और CISF को यह काम सौंपा गया था। संसद से हटाए जाने के बाद से इसे अनौपचारिक रूप से VIP सुरक्षा विंग से जोड़ा गया था, लेकिन फिर बीते मंगलवार को प्राप्त औपचारिक आदेश के बाद इसके कर्मियों का उपयोग उच्च जोखिम वाले गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा।
क्या CRPF को मिली सजा
देखा जाए तो CRPF के जांबाज ‘पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप’ (PDG) के बल ने संसद में पूरी निष्ठा और बिना किसी त्रुटि के अपना कर्तव्य निभाया, लेकिन फिर भी शायद इसे 2023 में हुई बड़ी सुरक्षा चूक का खामियाजा भुगतना पड़ा। बता दें कि, बीते 13 दिसंबर, 2023 को संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी वाले दिन दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने वहां पीला धुआं छोड़ा तथा नारे लगाए। हालांकि इसके कुछ ही समय बाद सांसदों ने उन्हें काबू में कर लिया था।
Author: Harsh Sharma
Journalist