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पहले ही केंद्र सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमतों में इज़ाफा कर आम जनता को झटका दिया गया था, और अब एक और बड़ी मुसीबत सामने खड़ी हो सकती है। दरअसल, देशभर में एलपीजी (LPG) की आपूर्ति करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स ने केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है।
तीन महीने की डेडलाइन, वरना देशव्यापी हड़ताल
ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन ने रविवार को ऐलान किया कि अगर आने वाले तीन महीनों में उनकी मुख्य मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन देशव्यापी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस हड़ताल का सीधा असर पूरे देश में रसोई गैस की सप्लाई पर पड़ सकता है।
यह फैसला शनिवार को भोपाल में आयोजित फेडरेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान लिया गया, जिसमें देशभर से आए डिस्ट्रीब्यूटर्स ने हिस्सा लिया। फेडरेशन के अध्यक्ष बी.एस. शर्मा ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग रसोई गैस की डिलीवरी पर मिलने वाले कमीशन में बढ़ोतरी की है, क्योंकि मौजूदा कमीशन ऑपरेटिंग लागत को पूरा नहीं कर पा रहा है।
डिस्ट्रीब्यूटर्स की मुख्य मांगें:
फेडरेशन की ओर से केंद्र सरकार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजे गए मांग-पत्र में निम्नलिखित बिंदुओं पर ज़ोर दिया गया है:
1. डिलीवरी कमीशन में बढ़ोतरी:
वर्तमान में डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रति सिलेंडर जो कमीशन मिलता है, वह डिलीवरी स्टाफ की सैलरी, ट्रांसपोर्टेशन, मेंटेनेंस और सुरक्षा जैसे खर्चों को पूरा नहीं करता। फेडरेशन की मांग है कि कमीशन को कम से कम ₹150 प्रति सिलेंडर किया जाए।
2. गैर-घरेलू सिलेंडरों की जबरन आपूर्ति पर रोक:
डिस्ट्रीब्यूटर्स का आरोप है कि तेल कंपनियां उन्हें बिना मांग के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर भेज रही हैं, जिससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है, बल्कि कई कानूनी पेचिदगियों का भी सामना करना पड़ता है। फेडरेशन ने इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की है।
3. उज्जवला योजना से जुड़ी समस्याएं:
डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत सिलेंडरों की आपूर्ति में देरी, अनियमित भुगतान और ज़मीनी स्तर पर समन्वय की कमी जैसी प्रशासनिक अड़चनों के कारण योजना की प्रभावशीलता प्रभावित हो रही है।
सरकार को दिया अल्टीमेटम
बी.एस. शर्मा ने कहा, “हम पहले भी मंत्रालय को अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब सब्र की सीमा पार हो चुकी है। अगर तीन महीने में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हमें मजबूरी में अनिश्चितकालीन देशव्यापी हड़ताल पर जाना पड़ेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। घरेलू रसोई गैस की उपलब्धता बाधित होगी और इसके साथ-साथ खाने-पीने से जुड़े अन्य व्यवसाय भी प्रभावित होंगे।
फेडरेशन ने सरकार से अपील की है कि वह मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और संवाद के माध्यम से समाधान निकाले, ताकि आम जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

Author: Harsh Sharma
Journalist