Vande Bharat 24 Exclusive
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में केरल हाईकोर्ट के तीन जज जस्टिस अनिल के नरेंद्रन, जस्टिस जी गिरीश और जस्टिस पीजी अजित कुमार बाल-बाल बच गए। तीनों जज अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर में छुट्टियां मना रहे थे।
जस्टिस नरेंद्रन की डल झील में नाव की सवारी के लिए श्रीनगर लौटने की जिद ने सबकी जान बचाई।
आठ सदस्यीय टीम 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पहुंची थी। सोमवार को यह दल पहलगाम पहुंचा। इलाके का दौरा करने और कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल घूमने के बाद ये लोग दिनभर पहलगाम में रुके। वे मंगलवार हमले से कुछ घंटे पहले सुबह 9:30 बजे वहां से निकले। दरअसल, जस्टिस नरेंद्रन ने कीडल झील में नाव की सवारी के लिए दोपहर तक श्रीनगर पहुंचने की जिद पकड़ी थी।
द हिंदू ने जस्टिस नरेंद्रन के हवाले से लिखा, मौसम सुहाना था और हमने सोमवार को ही कुछ मंदिरों सहित पर्यटक आकर्षण के अधिकतर स्थानों को देखा। वाहन के चालक ने हमें आसपास घुमाया और हमें क्षेत्र के और भी पर्यटक स्थलों पर ले जाने की पेशकश की। हालांकि, मैंने डल झील में नाव की सवारी करने के लिए आज ही श्रीनगर लौटने पर जोर दिया क्योंकि मैं पहले भी इस क्षेत्र का दौरा कर चुका था और हम सुरक्षित रूप से श्रीनगर पहुंच गए।

आतंकी हमले के समय जजों के जम्मू-कश्मीर में होने की खबर से कानूनी हलकों में खलबली मच गई थी। हालांकि, जजों और उनके परिवारों के सुरक्षित बच निकलने से उनके मित्रों और शुभचिंतकों को राहत मिली।
जल्द केरल रवाना होंगे सभी जज
जस्टिस अजित कुमार ने कहा, आतंकवादी हमला दोपहर के समय हुआ और उस समय तक हम श्रीनगर में सुरक्षित वापस आ चुके थे। हम दोपहर करीब 2 बजे श्रीनगर पहुंचे। हम जल्द ही केरल के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया, श्रीनगर के होटल में हमारी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो आतंकवादी हमले में बाल-बाल बच गया था। वह हमले से पूरी तरह हिल गया था।

Author: Harsh Sharma
Journalist