दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे-44 पर शनिवार देर रात चलती अर्टिगा कार में आग लगने से चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संदीप कुमार (37) और उनकी दो बेटियों, परी (6) व खुशी (10), की जलकर मौत हो गई। कार में सवार प्रोफेसर संदीप की पत्नी लक्ष्मी, मां सुदेश और भाभी आरती को गंभीर हालत में चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया है। कार चला रहे प्रोफेसर के छोटे भाई सुशील और उनका 10 साल का बेटा यश सुरक्षित हैं। कार में कुल आठ लोग सवार थे। प्रोफेसर संदीप सोनीपत स्थित अपने पैतृक गांव रमाणा में दिवाली मनाकर चंडीगढ़ लौट रहे थे।
कार चला रहे सुशील कुमार ने बताया कि वे और उनके भाई प्रोफेसर संदीप, परिवार के साथ दिवाली मनाने अपने गांव रमाणा गए थे। शनिवार रात करीब 8:40 बजे वे सोनीपत से चंडीगढ़ के लिए निकले। रात करीब 11 बजे मोहड़ी गांव के पास चलती कार की डिग्गी में स्पार्किंग के कारण आग लग गई, जिससे कार लॉक हो गई और सभी उसमें फंस गए। इसके बाद आग बढ़ गई और डिग्गी में बैठे सभी बच्चे झुलस गए।
सुशील ने कड़ी मशक्कत के बाद कार का लॉक खोला, लेकिन तब तक कार में सवार लोग बुरी तरह झुलस चुके थे। राहगीरों ने अन्य कार के माध्यम से परिवार के सदस्यों को निकटवर्ती आदेश मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने प्रो. संदीप, परी और खुशी को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। परिवार के सदस्य नरेश कुमार ने बताया कि संदीप की पत्नी लक्ष्मी की हालत पीजीआई में गंभीर बनी हुई है।
फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. गौरव कौशिक ने बताया कि प्रोफेसर संदीप की मौत दम घुटने से हुई है। संदीप हृदय रोगी थे, और उनका दिल का ऑपरेशन भी हो चुका था। उनका चेहरा और बाजू ही झुलसे थे, जबकि दोनों बच्चियों की मौत दम घुटने और जलने से हुई है।