वंदे भारत (हर्ष शर्मा) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जान से मारने की धमकी मिली है। पंजाब के कट्टरपंथी बरजिंदर सिंह परवाना ने एक मंच से कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।उन्हें मार डालेंगे। यह धमकी पंजाब के कपूरथला के कादराबाद में 26 से 30 नवंबर तक आयोजित एक समागम में भरे मंच से दी गई है। रविवार को देर शाम वीडियो सामने आने के बाद एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पंजाब के डीजीपी से इसकी शिकायत की है।
पंजाब के कपूरथला जिले के कादराबाद गांव में 26 से 30 नवंबर तक पांच दिन का समागम था, जिसके मंच से बरजिंदर सिंह परवाना ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को धमकी दी थी। वीडियो में परवाना यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बागेश्वर धाम वाले साधु ने बयान दिया है कि वह जो हरमंदिर है, वहां हम अपनी पूजा करेंगे। अभिषेक करेंगे और मंदिर बनाएंगे। मैं कहता हूं कि आओ, पर एक बात याद रखना, हमने इंदिरा गांधी को मारा। उसे अंदर पैर नहीं रखने दिया। यहां लाखों की फौज आई, उसे हमने गोलियों से भून दिया। बेअंत (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह) को चंडीगढ़ में बम से उड़ाया।
एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिंदू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने परवाना की धमकी का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बरजिंदर परवाना को 48 घंटे में गिरफ्तार किया जाए। इस बारे में उन्होंने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी को शिकायत भी भेजी है। शांडिल्य ने आरोप लगाया कि परवाना ने हिंदू-सिख भाईचारे को तोड़ने की साजिश की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो फिर वह इसको लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट जाएंगे।
दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री 21 अक्टूबर 2023 को पंजाब के गोल्डन टेंपल गए थे। उस दौरान उन्होंने सिर पर पीले रंग की पगड़ी पहनी थी। इस अवसर पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने एक बयान में कहा था कि अब तो आवाज यहां तक भी आ गई है, तो जल्दी से जल्दी उस मंदिर की पूजा भी प्रारंभ हो जानी चाहिए। अयोध्या में राम जी बैठ गए हैं। काशी में नंदी भगवान निकल आए। यह मुहूर्त है। अब हरि हर मंदिर में भी अभिषेक, रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने यह बयान गोल्डन टेंपल के लिए नहीं बल्कि कलकी धाम, संभल के लिए दिया था।
गाैरतलब है कि बरजिंदर सिंह परवाना पहले भी विवादों में रहा है। साल 2022 में पटियाला में हिंसा में भी वह आरोपित था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। परवाना मूल रूप से पटियाला के राजपुरा का रहने वाला है। वह 2007-08 के दौरान सिंगापुर गया था। वहां करीब डेढ़ साल रहने के बाद वापस पंजाब लौट आया। यहां आकर परवाना ने दमदमी टकसाल राजपुरा के नाम से एक जत्था बनाया और खुद उसका मुखिया बन गया। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन में भी परवाना शामिल रहा। वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहता है और उस पर भड़काऊ बयानबाजी के आरोप लगते रहते हैं।
Author: Harsh Sharma
Journalist