उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। इस दौरान पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी और एसपी के पीआरओ के पैर में गोली लगी। एसपी समेत 22 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा के बाद संभल तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल आज बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।
शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल
पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, “आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और रासुका लगाया जाएगा।” दूसरी ओर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि मौत पुलिस की गोली से हुई है। हालांकि, कमिश्नर ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं हुई। युवकों की जान हमलावरों की फायरिंग में गई है।”
मस्जिद सर्वे पर विवाद
रविवार सुबह 6:30 बजे डीएम और एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। थोड़ी ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग जामा मस्जिद के बाहर जुट गए। पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
स्थिति बिगड़ने पर भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, जिससे पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे और फिर लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
सोमवार सुबह पूरे शहर में भारी फोर्स तैनात कर दी गई। डीआईजी मुनिराज जी ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया और मुस्लिम महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने बताया कि वे शादी में शामिल होने आए थे और उन्होंने शादी का कार्ड भी दिखाया। डीआईजी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।