Vande Bharat 24 Exclusive
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा को जमीन बेचने वाले ने ही रजिस्ट्री के भी पैसे दिये थे। ईडी ने दूसरे दिन की पूछताछ में वाड्रा के सामने इसके सबूत रखे और जवाब मांगा।
ईडी के अनुसार रजिस्ट्री के दिन वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हास्पीटिलिटी के खाते में महज एक लाख रूपये थे।
रजिस्ट्री में कॉरपोरेशन बैंक की नई दिल्ली शाखा के जिस 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिखाया गया था, उसे कभी भुनाया ही नहीं गया। वाड्रा से गुरूवार को तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रहेगी।सूत्रों के अनुसार वाड्रा के पास ईडी द्वारा रखे गए तथ्यों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
ईडी ने वाड्रा को कागज दिखाकर कहा कि जमीन बेचने वाली कंपनी ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज ने खुद ही रजिस्ट्री के लिए 45 लाख रुपये की स्टांप की ड्यूटी क्यों जमा की।
वाड्रा की दूसरी कंपनी स्काइलाइट रियलिटी का था
दरअसल जिस दिन वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हास्पीटिलिटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री हुई उस दिन कंपनी के खाते में महज एक लाख रूपये थे। यही नहीं, जो 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिया गया, वह वाड्रा की दूसरी कंपनी स्काइलाइट रियलिटी का था, जिसके खाते में भी एक लाख रुपये ही थे। ईडी ने वह नई दिल्ली के कॉरपोरेशन बैंक का चेक नंबर(607251) भी वाड्रा को दिखाया।
12 फरवरी को जमीन की रजिस्ट्री होने के पांच दिन बाद ही जमीन का भू-उपयोग बदलने का आवेदन लगाया गया और उसके चार दिन बाद ही हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने इसकी अनुमति दे दी और संबंधित विभाग ने 3.531 एकड़ जमीन में से 2.7 एकड़ जमीन पर कामर्शियल कालोनी विकसित करने की अनुमति भी दे दी। उसी के बाद इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेचा गया। ईडी ने वाड्रा से इसके बारे में विस्तार से पूछताछ की।
वाड्रा की कंपनी की ओर से ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज को दिए गए पैसे
हैरानी की बात है कि जमीन की रजिस्ट्री होने के छह महीने बाद वाड्रा की कंपनी की ओर से ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज को पैसे दिये गए। लेकिन वह रजिस्ट्री में दिखाई गई कीमत 7.5 करोड़ रुपये से दोगुने से भी ज्यादा था।
ईडी के अनुसार नौ अगस्त 2008 की तारीख को स्काइलाइट हास्पीटिलिटी ने दिल्ली के फ्रेंड्स कोलोनी स्थित कारपोरेशन बैंक से 7.95 करोड़ रुपये और 16 अगस्त 2008 की तारीख को इसी बैंक के 7.43 करोड़ रुपये के दो चेक दिये गए। ये दोनों चेक भी कारपोरेशन बैंक के थे और नंबर- 0978951 और 0978953 था।
इन चेक का नंबर इससे साफ है कि वाड्रा ने एक लाख रुपये की जमा पूंजी वाली कंपनी के लिए मुफ्त में जमीन खरीदकर 58 करोड़ रुपये में बेच दिया और उसी में से 15.38 करोड़ रुपये ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज को दे दिये।
इस तरह से 42 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया, जिसे ईडी मनी लॉड्रिंग के रूप में देख रही है। राबर्ट वाड्रा से इन सभी मुद्दों पर सवाल पूछे जा रहे हैं और उनके जवाब को ईडी अपनी प्रोसेक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) में शामिल करेगी।

Author: Harsh Sharma
Journalist