Vande Bharat 24 Exclusive
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर से आने वाले आयात पर 10% टैक्स लगाने और अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर और भी सख्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। इस कदम से वैश्विक व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।
चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी टैरिफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं और इससे संबंधित देशों के कानूनी अधिकारों और हितों को गंभीर नुकसान होगा।
बीजिंग ने स्पष्ट किया कि चीन अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने को तैयार है।
चीन का बयान: टैरिफ तुरंत रद्द करे अमेरिका
चीन ने अमेरिका से इन टैरिफ को तुरंत वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि इससे वैश्विक आर्थिक विकास को खतरा हो सकता है। बीजिंग ने यह भी कहा कि ये टैरिफ अमेरिकी हितों और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को भी नुकसान पहुंचाएंगे।
इसके अलावा, चीन ने अमेरिका पर एकतरफा धमकी देने का भी आरोप लगाया।
चीन पर और बढ़ा दबाव
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदार चीन पर 34% का कड़ा टैरिफ लगाया है, जबकि अन्य सभी देशों पर 10% का शुल्क लागू होगा। यह पिछले महीने लगाए गए 20% टैरिफ के अतिरिक्त है।
इसके जवाब में, चीन ने अमेरिकी सोयाबीन, पोर्क और चिकन सहित कई कृषि उत्पादों पर 15% तक का शुल्क लगा दिया है।
अमेरिकी टैरिफ के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को और झटका लग सकता है, क्योंकि वह पहले से ही रियल एस्टेट संकट और घटती उपभोक्ता मांग जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।

चीन ने विवाद सुलझाने की अपील की
बीजिंग ने कहा कि अमेरिका यह दावा कर रहा है कि उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नुकसान हो रहा है और “आपसी लेन-देन” (Reciprocity) के नाम पर अपने व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ा रहा है।
चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह रवैया उन फायदों को नजरअंदाज करता है, जो वर्षों की व्यापार वार्ता के माध्यम से सभी देशों को मिले हैं। इसके अलावा, यह इस सच्चाई को भी अनदेखा करता है कि अमेरिका ने लंबे समय तक वैश्विक व्यापार से भारी मुनाफा कमाया है।
बीजिंग ने अमेरिका से अपील की कि टकराव के बजाय बातचीत के जरिए विवाद को हल किया जाए।


















































































