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ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध के बीच पाकिस्तान एक तरफ़ ईरान के समर्थन में बयानबाज़ी करता नज़र आ रहा है, वहीं दूसरी ओर ईरानी सूत्रों ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपा है। आरोप है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर का नाम ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडर मोहम्मद हुसैन की हत्या से जुड़ा है। मोहम्मद हुसैन की मौत 13 जून को एक हमले में हुई थी।
ईरानी मीडिया और खुफिया सूत्रों का दावा है कि मोहम्मद हुसैन की हत्या में अमेरिकी और इज़राइली खुफिया एजेंसियों को उनकी सटीक लोकेशन मुहैया करवाई गई थी। इसके लिए जो उपकरण इस्तेमाल हुआ, वह कथित तौर पर असीम मुनीर द्वारा भेंट की गई एक स्मार्टवॉच थी, जिसमें GPS ट्रैकर मौजूद था।
बताया जा रहा है कि मई के आख़िरी सप्ताह में असीम मुनीर और मोहम्मद हुसैन के बीच गुप्त मुलाकात हुई थी। उसी दौरान यह घड़ी उपहार स्वरूप दी गई थी। इसके कुछ दिनों बाद 13 जून को हुए इज़राइली हमले में न सिर्फ़ मोहम्मद हुसैन मारे गए, बल्कि उनके दो डिप्टी कमांडर भी हमले का शिकार हुए।
सूत्रों का यह भी कहना है कि असीम मुनीर ने मोहम्मद हुसैन से मिलने के बाद गुप्त रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात ने शक को और गहरा कर दिया है कि पाकिस्तान इस पूरे संघर्ष में दोहरी भूमिका निभा रहा है।

ईरानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान, ईरान और पश्चिमी देशों—खासकर अमेरिका—दोनों के साथ संबंध बनाए रखना चाहता है, और इसी कोशिश में वह दोहरा खेल खेल रहा है।
उधर, ईरान और इज़राइल के बीच टकराव पिछले 10 दिनों से लगातार तेज़ होता जा रहा है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इज़राइली हमलों में 400 से ज़्यादा ईरानी नागरिक मारे जा चुके हैं और करीब 3,500 लोग घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
13 जून को इज़राइली सेना ने ईरान पर बड़ा हमला किया था। इज़राइल का दावा है कि यह कार्रवाई ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए की गई थी। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद बयान दिया कि ईरान तेज़ी से अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम कर रहा है और अगले तीन वर्षों में 10,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें बना सकता है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अगर ये मिसाइलें इज़राइल जैसे छोटे देश पर दागी गईं, तो परिणाम भयावह होंगे।
इस पूरे घटनाक्रम ने मध्य-पूर्व में तनाव को और भड़का दिया है और पाकिस्तान की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ईरान में आक्रोश है, और पाकिस्तान से जवाबदेही की मांग की जा रही है। अब देखना होगा कि पाकिस्तान इस गंभीर आरोप का क्या जवाब देता है।

Author: Harsh Sharma
Journalist