Vande Bharat 24 Exclusive
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए 12 देशों को खतरनाक श्रेणी में डालने का ऐलान किया है। ऐसे देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश नहीं मिलेगा।
इसमें भारत के दो पड़ोसी देशों को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिन 12 देशों में फुल एंट्री बैन लगाया है, इसमें अफगानिस्तान और म्यांमार भी शामिल है। इसके अलावा ईरान और लीबिया जैसे देशों के लिए भी नो एंट्री का बोर्ड लगाया गया है। इन12 देशों की सूची में चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटिरयल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सूडान और यमन के नागरिक भी शामिल है। जबकि सात अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सियरा लिओन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं।
इन 12 देशों अत्यधिक जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है। इसके पीछे इन देशों के नागरिकों की पर्याप्त जांच या जानकारी न होने, आतंकवाद से संबंध और अमेरिकी एजेंसियों से सहयोग न करने जैसी दलीलें दी गई हैं। जिन देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है, उनके नागरिकों को बी-1, बी-2 जैसे हाई कैटेगरी के वीजा नहीं दिए जाएंगे। उनके ज्यादा समय तक अमेरिका में ठहरने और जांच एजेंसियों में तालमेल का अभाव शामिल है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ( White House) ने इन देशों पर पाबंदी को जायज ठहराते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान का नियंत्रण है और वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ईरान और क्यूबा भी आतंकवाद को पालने पोसने वाले देशों में हैं। हैती चाड जैसे देशों से बड़े पैमाने पर अमेरिका में अवैध घुसपैठ की शिकायतें हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रैवल बैन को सही ठहराया और कहा कि कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकियों को अमेरिका से दूर रखने के लिए ये जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसी पाबंदियों को जायज माना है। इससे पहले भी इन देशों के संदिग्ध नागरिकों की पृष्ठभूमि खंगालने में जांच एजेंसियों को कोई सहयोग न मिलने की वजह से ऐसे बैन लगाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैवल बैन को सही ठहराया है। उसका है कि राष्ट्रपति को देश की सुरक्षा के मामले में ऐसी पाबंदियां लगाने का अधिकार है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप का अवैध घुसपैठ या आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ सख्त रुख रहा है। ट्रंप सरकार ने अमेरिकी सीमा पर दीवार बनाने का भी ऐलान किया था। पाकिस्तान-अफगानिस्तान, ईरान जैसे देशों के खिलाफ उनका रुख सख्त रहा है।


















































































