Vande Bharat 24 Exclusive
इज़रायल और हमास के बीच युद्ध विराम खत्म होने के बाद एक बार फिर भीषण युद्ध शुरू हो गया है। गाज़ा में इज़रायली हवाई हमलों और ग्राउंड ऑपरेशन ने तबाही मचा दी है। रमज़ान के इस महीने में भी गाज़ा के लोगों को राहत नहीं मिल पाई है और वहां रहने वाले लाखों फिलिस्तीनी खौफ में जी रहे हैं। गाज़ा की स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इस युद्ध में 50 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इज़रायल पर हमला किया था, जिसके बाद से यह युद्ध लगातार तेज़ होता जा रहा है। इज़रायल के जवाबी हमलों में गाज़ा के बड़े हिस्से तबाह हो चुके हैं और आम नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
क्या आगे भी जारी रहेगी गाज़ा में तबाही?
हमास के कब्जे में अभी भी 59 बंधक हैं। इज़रायल ने साफ कह दिया है कि जब तक सभी बंधकों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। इज़रायली सेना गाज़ा में और अंदर तक घुसकर हमले कर रही है, जिससे वहां की स्थिति और भी खराब हो गई है। कतर और मिस्र जैसे देश युद्ध विराम के लिए समझौते की कोशिश कर रहे हैं। इन देशों की कोशिश है कि दोनों पक्षों के बीच जल्द से जल्द सहमति बन जाए और गाज़ा में शांति बहाल हो। हालांकि, इज़रायल और हमास की शर्तें अभी भी टकरा रही हैं, जिससे यह प्रक्रिया जटिल होती जा रही है।
क्या गाज़ा पर इज़रायल का कब्ज़ा हो सकता है?
इज़रायल के रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज़ ने सेना को आदेश दिया है कि वे गाज़ा के और अंदर तक घुसें और धीरे-धीरे वहां का नियंत्रण अपने हाथ में लें। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या गाज़ा पर पूरी तरह से इज़रायल का कब्ज़ा हो सकता है?
अमेरिका का क्या रुख है?
कुछ अमेरिकी नेताओं ने सुझाव दिया है कि फिलिस्तीनियों को गाज़ा छोड़कर अन्य देशों में बस जाना चाहिए और इस इलाके को पर्यटन स्थल में बदल देना चाहिए। हालांकि, यह बयान विवादास्पद है और इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं।


















































































