Vande Bharat 24 Exclusive
ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सोमवार, 23 जून 2025 को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इससे पहले पुतिन के करीबी और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने एक तीखा बयान देकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
“ट्रंप ने शुरू की एक और जंग”
रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष मेदवेदेव ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “जो राष्ट्रपति खुद को शांति का दूत बताकर सत्ता में आए थे, उन्होंने अमेरिका को एक नई जंग में धकेल दिया है।”
“ईरान को नहीं हुआ गंभीर नुक़सान”
मेदवेदेव ने अमेरिकी हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस हमले से ईरान के बुनियादी ढांचे को या तो मामूली नुकसान हुआ है या फिर कोई खास असर नहीं पड़ा। उन्होंने दावा किया, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि ईरान भविष्य में परमाणु हथियारों का उत्पादन जारी रखेगा।”
“कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने को तैयार”
मेदवेदेव ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि “कई देश ईरान को सीधे तौर पर परमाणु हथियार सप्लाई करने के लिए तैयार हैं”, हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।

“इज़राइल पर मंडरा रहा खतरा”
रूसी नेता ने कहा कि इज़राइल की आबादी अब लगातार खतरे में है और देश के कई हिस्सों में धमाके हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अब एक नए संघर्ष में उलझ चुका है, जिसमें ज़मीनी कार्रवाई की संभावना बेहद कम है।
“ईरान की राजनीति और भी मज़बूत हुई”
मेदवेदेव ने दावा किया कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद ईरान की राजनीतिक सत्ता और अधिक मज़बूत हुई है। उन्होंने कहा कि अब लोग अपने देश की आध्यात्मिक नेतृत्व के साथ एकजुट हो रहे हैं, उनमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले या तो उदासीन थे या विरोध में खड़े थे।
इस पूरी स्थिति ने पश्चिम एशिया में तनाव को और गहरा कर दिया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है।

Author: Harsh Sharma
Journalist