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आम आदमी पार्टी एक पार्षद पति की कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिलने वाले फंड में कमीशन की बात हो रही है। 50 सेकंड की यह बातचीत एक व्हाट्सऐप कॉल की रिकॉर्डिंग है, जिसे वीडियो के रूप में शेयर किया गया है।
पुराना मामला, नई रिकॉर्डिंग
बताया जा रहा है कि यह मामला जालंधर के उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां पूर्व पार्षद और उनके पति पहले से ही इस योजना में हुए गड़बड़झाले को लेकर विजिलेंस जांच के घेरे में हैं। विजिलेंस को कई ऐसे बयान मिल चुके हैं जिनमें आरोप है कि पक्के मकानों के मालिकों को झूठी जानकारी और फर्जी तस्वीरों के आधार पर योजना का लाभ दिलाया गया।
फंड से पहले ही वसूली के लिए साइन
सूत्रों के मुताबिक, फंड पास होने से पहले ही लाभार्थियों से कमीशन के लिए चेक ले लिए जाते थे और जैसे ही पैसा खाते में ट्रांसफर होता, तय रकम वसूली जाती। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में नगर निगम का एक क्लर्क भी शामिल था, जो पक्के मकानों की फर्जी तस्वीरों के जरिए फाइल तैयार करता था।
किस्तों में मिल रहा था फंड, आधी रकम पर मांग लिया कमीशन
वायरल ऑडियो में जिस बुजुर्ग व्यक्ति की आवाज बताई जा रही है, उसने 1.75 लाख रुपये का फंड मंजूर होने की बात कही है, जिसमें से अब तक सिर्फ 1.12 लाख ही मिले हैं। इसके बावजूद उससे 50 हजार रुपये की डिमांड की गई। जब उसका फंड खाते में ट्रांसफर हुआ, तो नगर निगम का एक अधिकारी बार-बार फोन करने लगा। इससे परेशान होकर उसने पार्षद पति को कॉल किया और 40 हजार रुपये देने की बात कही।
वायरल ऑडियो में क्या कहा गया?
बुजुर्ग: “जनाब, कोई बार-बार फोन कर रहा है, कहता है बालियों वाली छत…”
पार्षद पति: “अफसर तो फोन करेंगे ही, उनका हक़ बनता है।”
बुजुर्ग: “घरों में क्लेश हो गया है, आप पैसे ले लो, मेरी जान छोड़ो…”
पार्षद पति: “आजाओ मेरे पास, जब फुर्सत हो।”
बुजुर्ग: “छतों के पैसे कम हैं तो ले लो, मैं दे देता हूं – 40 हजार तक दे दूंगा।”
पार्षद पति: “मैं 15 मिनट में घर पहुंच रहा हूं, आजाओ…”
बुजुर्ग: “मुझे फोन करते जा रहे हैं…”
पार्षद पति: “आजाओ, मैं पूछ भी लूंगा…” (इसके बाद कॉल कट जाती है।)
रिकॉर्डिंग में यह भी देखा गया कि पार्षद पति बुजुर्ग की बात कई बार बीच में काटते हैं, जिससे उसकी पूरी बात सुनना मुश्किल हो जाता है।
विजिलेंस के पास भी पहुंची रिकॉर्डिंग
सूत्रों के अनुसार, यह ऑडियो विजिलेंस अधिकारियों तक भी पहुंच चुकी है। हालांकि इस केस की जांच पहले से चल रही थी, लेकिन विधायक रमन अरोड़ा के मामले के बाद जांच की गति धीमी पड़ गई थी। अब इस रिकॉर्डिंग के सामने आने के बाद उम्मीद है कि विजिलेंस दोबारा सक्रिय होकर सच्चाई तक पहुंचेगी।
पार्षद पति की सफाई
जब इस ऑडियो पर पार्षद पति से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने कहा:
“मुझे पता चला है कि कोई रिकॉर्डिंग वायरल हो रही है, लेकिन वह मेरी आवाज नहीं है। मुझे लगता है यह चुनाव के समय की साजिश है। कई ऐसे ऐप आ चुके हैं जिनसे आवाज बदली जा सकती है। मेरी किसी से इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई।”
अब देखना यह होगा कि विजिलेंस इस नई रिकॉर्डिंग को जांच में कैसे शामिल करती है और क्या इस बहुचर्चित घोटाले की परतें और खुलेंगी।

Author: Harsh Sharma
Journalist