वन्दे भारत 24 : ज़िला प्रशासन ने केंद्रीय कारागार और ओटीटी ट्रांसफ़ॉर्मेटिव ट्रस्ट के सहयोग से प्लास्टिक के विकल्प के रूप में पर्यावरण-अनुकूल कपड़े के थैलों को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान शुरू किया है। उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य शहर में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि अमृतसर की केंद्रीय कारागार के कैदी कपड़ा उद्योग से प्राप्त कच्चे माल का उपयोग करके पर्यावरण-अनुकूल कपड़े के थैले सिलेंगे। उपायुक्त ने कहा कि नवंबर तक 3.5 लाख कपड़े के थैले बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनका उपयोग पर्यटकों की अधिकता वाले क्षेत्रों में किया जाएगा।
ज़िला प्रशासन इस अभियान को सफल बनाने के लिए बाज़ार संघों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों से भी सहयोग लेगा।
उपायुक्त ने कहा, “हमारा प्रयास प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों को लागू करना है। हम प्लास्टिक के विकल्प के रूप में पर्यावरण-अनुकूल कपड़े के थैले उपलब्ध कराएँगे और प्लास्टिक का उपयोग जारी रखने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाएँगे।”
ओटीटी की डॉ. सिमरप्रीत संधू ने कहा कि यह पहल केंद्रीय कारागार में महिला और पुरुष कैदियों को भी शामिल करेगी और साथ ही प्लास्टिक के थैलों का विकल्प भी उपलब्ध कराएगी। “कपड़े के थैले पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ और ले जाने में आसान होंगे और पर्यटकों की अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर इनका उपयोग किया जाएगा।”
