वंदे भारत– पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में आज सुनवाई हुई। इंटरव्यू की जांच के लिए हाईकोर्ट ने तीन सदस्यों की एसआईटी गठित की है। सरकार ने एसआईटी के लिए ऑफिसर्स की लिस्ट सौंपी गई। एसआईटी में डीजीपी ह्यूमन राइट्स प्रबोध कुमार एआईजी डॉ. एस राहुल और निलंबरी जगदाले को शामिल किया गया है
इंटरव्यू से युवा हो रहे प्रभावित
मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रही एडवोकेट तनु बेदी ने कहा, इस इंटरव्यू को देख कर कई युवा प्रभावित हो रहे हैं। एक तरह से लॉरेंस बिश्नोई को महिमामंडन किया जा रहा है। अपने इंटरव्यू में लॉरेंस हत्याओं को सही बता रहा है। इंटरव्यू ने जेल सिस्टम की पोल खोली है और बिश्नोई ने भी कई सवाल उठाए हैं।
इंटरव्यू को साइट से हटाने के आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है, यहां की कानून व्यवस्था का राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कोर्ट ने इस इंटरव्यू को साइट से हटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर जेलों में बॉडी स्कैनर सही तरीके से काम करें और जेल की दीवारों को ऊंचा कर दिया जाए तो इससे भी काफी फर्क पड़ सकता है।
जेल में बॉडी स्कैनर, सीसीटीवी और जैमर लगाने के आदेश.
आज तक जेलों में जैमर पूरी तरह से नहीं लगाने पर हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, कहा कब तक अपनी जिम्मेदारी से भागोगे। सीसीटीवी फुटेज में ऑडियो रिकॉर्डिंग तक नहीं होने पर भी कोर्ट ले सवाल उठाए हैं। हाई कोर्ट ने तत्काल बॉडी स्कैनर, सीसीटीवी और जैमर जल्द से जल्द लगाए जाने के आदेश दे दिए हैं।