वंदे भारत (हर्ष शर्मा) जालंधरः सांसद चरणजीत सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, चन्नी के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की गई है। जिसमें उनके लोकसभा चुनाव को चुनौती दी गई है। ऐसे में अगर जांच सही पाई जाती है तो चन्नी की सदस्यता रद्द हो सकती है। दरअसल, गौरव लूथरा ने चन्नी के खिलाफ चुनावों में गाइडलाइंस की पालना सही से ना किए जाने को लेकर पटीशन दायर की है। इस मामले की जानकारी देते हुए गौरव लूथरा ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में सासंद चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है। लूथरा ने कहा कि चुनावों में चुनाव विभाग की तरफ से खर्चा एक्सपेंडिचर को लेकर कई तरह की गाइडलाइन जारी होती हैं, लेकिन ग्राउंड पर ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियंस में फ्रेंडली मैच सेट हो जाता है। राजनेता खुला खर्च करते हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने चन्नी पर आरोप लगाए कि सांसद ने खर्च का पूरा हिसाब नहीं बताया है। लूथरा ने कहा कि गाइलाइंस की सही से पालना ना किए जाने को उन्होंने सबूतों के साथ हाईकोर्ट में पटीशन दायर की थी।
जिसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई को पटीशन दायर की गई थी। जिसके बाद 26 जुलाई को कुछ खामियों पाए जाने को लेकर डाक्यूमेंट लगाए गए थे। अब हाईकोर्ट में 12 अगस्त को इसकी सुनवाई होगी। लूथरा ने कहा कि पिटीशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जालंधर चुनाव अधिकारी के माध्यम से ईवीएम को सुरक्षित रखने सहित सभी रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए कहा है। लूथरा ने कहा कि इस मामले में पार्टी और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया जा चुका है। लूथरा ने बताया कि चुनाव से पहले ही जालंधर के चुनाव अधिकारी को शिकायत कर दी थी, लेकिन कोई सुनवाई ना होने के चलते अब हाईकोर्ट का उन्होंने रूख किया है। लूथरा ने कहा कि चन्नी कोई आम व्यक्ति नहीं है वह पूर्व सीएम रह चुके है। ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग की गाइलाइंस की पालना करनी चाहिए थी। हालांकि इस मामले को लेकर लूथरा ने कहा कि उनकी चरणजीत सिंह चन्नी से कोई बात नहीं हुई है। बता दें कि चुनाव खत्म होने के 45 दिनों के बाद ईवीएम को इलेक्शन कमिशन की परमिशन के बाद स्ट्रांग रूम से वेयर हाउस में शिफ्ट करना होता है। लेकिन हाईकोर्ट ने जालंधर में चुनाव तहसीलदार को ईवीएम को वेयर हाउस में शिफ्ट न करने के आदेश दिए हैं।
Author: Harsh Sharma
Journalist