वंदे भारत (हर्ष शर्मा) हाल ही आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले धूरी से पूर्व विधायक दलवीर गोल्डी को लेकर कांग्रेस में एक नया कलेश खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा गोल्डी को कांग्रेस में नहीं लेना चाहते जबकि प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से मुलाकात के बाद गोल्डी गिद्दड़बाहा में अमृता वड़िंग के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
गोल्डी को लेकर विरोध कर रहे बाजवा
मंगलवार को देर रात तक गोल्डी गिद्दड़बाहा के अलग अलग गांवों में चुनाव प्रचार करते रहे। उधर, विगत दिन होशियारपुर के विधानसभा हलका चब्बेवाल के गांव कोट फतूही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रताप बाजवा ने विरोध किया है। गोल्डी का नाम लिए बिना बाजवा ने कहा कि जो मर्जी किसी की भी कंपेन में प्रचार करता फिरे, लेकिन मेरी मर्जी के बिना कोई भी व्यक्ति पार्टी में शामिल नहीं हो सकता। मैं पार्टी के एक अहम पद पर हूं।
बिट्टू ने बाजवा के बयान पर लिखा शबाश
हालांकि बाजवा आम आदमी पार्टी में गए चब्बेवाल परिवार पर भी यह बात लागू करने की ताड़ना कर रहे थे। उधर, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने भी बाजवा के बयान की एक्स पर पोस्ट डाल कर शाबाश लिखा है। बिट्टू ने बीते दिन कहा था कि बाजवा की पार्टी में कोई सुनवाई नहीं है।
खुलकर सामने आ सकती है कांग्रेस की अंतर्कलह
भले ही दलवीर गोल्डी को राजा वड़िंग ने अधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल नहीं किया है लेकिन गोल्डी के साथ एक्स पर फोटो शेयर कर यह संदेश दे दिया है कि वे गोल्डी को उपचुनाव के बाद कांग्रेस में ले सकते हैं।यही कारण है कि गोल्डी तीन दिन से गिद्दड़बाहा में ही हैं और राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस में एक बार फिर बड़े नेताओं में आपसी अंतर्कलह खुल कर सामने आ सकती है।
रंधावा और बाजवा में भी सामने आई थी अंतर्कलह
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुक्तसर में एक धरने के दौरान सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रताप बाजवा में पार्टी छोड़ कर गए नेताओं को वापस लेने को लेकर अंतर्कलह खुल कर सामने आई थी।उस समय रंधावा कहते थे कि जो नेता छोड़ गए हैं उनको वापस नहीं लिया जाएगा और बाजवा ने कहा था कि पार्टी को मजबूत करने के लिए वापस लेना जरूरी है।अब दलवीर गोल्डी के राजा वड़िंग से मुलाकात के बाद प्रचार शुरू किए जाने से प्रताप बाजवा खफा हैं। वे दलवीर गोल्डी को वापस लेने का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस में पहले भी कई बार नेताओं की अंतर्कलह खुल कर सामने आई है जिसका पार्टी को भी नुकसान हुआ है।

Author: Harsh Sharma
Journalist