जालंधर में अवैध निर्माण पर निगम की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

अगली कड़ी मे होगा उस नेता का नाम उजागर
जालंधर में अवैध निर्माण थमने का नाम नहीं ले रहे। नगर निगम बार-बार अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती के दावे करता है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है।
शहर के साथ-साथ कैंट विधानसभा हलके में भी यह परंपरा जारी है। इसका ताज़ा उदाहरण कुक्की ढाब क्षेत्र में पार्क एवेन्यू के बाहर बन रही दो अवैध दुकानों का है। हाल ही में निगम की टीम ने यहां “पीला पंजा” चलाकर कार्रवाई की थी, मगर मलबे की धूल बैठने से पहले ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इन दुकानों के निर्माण का ठेका एक बड़े राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने लिया है। यह नेता भले ही बस्तीयात क्षेत्र का निवासी हो, लेकिन नोट कमाने और दबाव बनाने की ताकत के सहारे दूर-दूर तक पहुंच बनाए हुए है। आरोप है कि इस राजनेता ने भ्रष्टाचार की “तकड़ी” में एक तरफ नोटों की गड्डियां और दूसरी तरफ अवैध कामर्शियल निर्माणों की फाइलें रख छोड़ी हैं, और जहां वजन ज़्यादा हो जाता है, वहां तकड़ी झुक जाती है।
गौरतलब है कि इस पूरे प्रकरण में कुछ पत्रकार भी सवालों के घेरे में हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ मीडिया कर्मी खुले तौर पर संबंधित नेता का समर्थन कर रहे हैं और हर उस पत्रकार पर दबाव डालते हैं जो इन दुकानों के खिलाफ रिपोर्टिंग करना चाहता है। यही समूह हाल ही में नगर निगम के उच्च पदाधिकारियों से भी मुलाकात कर चुका है।
अब सवाल यह है कि क्या नगर निगम एक बार फिर कार्रवाई करेगा या फिर यह अवैध निर्माण “सैटिंग की तिरपाल” से ढक दिया जाएगा। स्थानीय लोग निगम और प्रशासन की अगली चाल पर नज़रें गड़ाए हुए हैं।


















































































