भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की ओर से सोमवार शाम एक निर्देश जारी किया गया, जिसमें पंजाब भाजपा के लिए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अश्विनी शर्मा की नियुक्ति की गई। लेकिन इस आधिकारिक घोषणा को लेकर पंजाब भाजपा ने ऐसी जल्दबाज़ी दिखाई कि सोशल मीडिया पर प्रदेश अध्यक्ष बदलने तक की घोषणा कर दी।

दरअसल, पंजाब भाजपा के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर की गई, जिसमें जे.पी. नड्डा के पत्र के साथ यह भी लिखा गया कि पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा को पंजाब भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है और उनके नेतृत्व में पार्टी और मजबूत होगी। जबकि हकीकत यह है कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जारी पत्र में अश्विनी शर्मा को केवल कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, न कि प्रदेश अध्यक्ष।
पार्टी के सोशल मीडिया पेज को संभाल रही टीम को जब अपनी गलती का एहसास हुआ, तो तत्काल पोस्ट को एडिट कर लिया गया। लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे। पंजाब केसरी के पास इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट मौजूद है, जिसमें स्पष्ट तौर पर अश्विनी शर्मा को “प्रदेश अध्यक्ष” घोषित किया गया था।
इतना ही नहीं, भाजपा के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अश्विनी शर्मा को “प्रदेश अध्यक्ष” बनने की बधाई भी दे डाली, जिससे पार्टी के आंतरिक भ्रम की स्थिति उजागर हो गई। यह घटनाक्रम इस बात की ओर भी इशारा करता है कि पंजाब भाजपा में सुनील जाखड़ को लेकर असंतोष किस हद तक बढ़ चुका है, कि बिना आधिकारिक घोषणा के ही प्रदेश अध्यक्ष बदल डाला गया।
इस भ्रम और जल्दबाज़ी का खामियाजा भाजपा नेताओं को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के रूप में भी भुगतना पड़ा, वहीं कुछ नवोदित न्यूज़ पोर्टल्स ने भी बिना पुष्टि के अश्विनी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया — जो बाद में मज़ाक का विषय बन गए।
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या ये सब एक गलती थी… या फिर यह प्रदेश नेतृत्व में बदलाव के संकेतों की एक झलक है?
