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पंजाब के तरनतारन जिले की एक गौशाला में 15 वर्षों से बंधुआ मजदूरी कर रहे उत्तराखंड के युवक को आखिरकार आज़ादी मिल गई है। यह कार्रवाई पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और बीजेपी सांसद अनिल बलूनी के हस्तक्षेप के बाद संभव हो पाई।
उत्तराखंड के गढ़वाल से सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो देखने के बाद इस मामले को गंभीरता से लिया। वीडियो में युवक को शोषणपूर्ण हालात में मवेशियों की देखभाल करते हुए देखा गया था। इस पर बलूनी ने तुरंत पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से संपर्क किया।
बलूनी ने जानकारी दी कि चमोली जिले के नारायणबगड़ क्षेत्र के युवक को तरनतारन के दिनेवाल गांव की एक गौशाला में लंबे समय से जबरन काम कराया जा रहा था। राज्यपाल कटारिया के त्वरित निर्देशों पर संबंधित प्रशासन ने गौशाला पर छापा मारकर युवक को मुक्त कराया।

गौशाला मालिक पर दर्ज हुआ मामला
इस मामले में गौशाला संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं, प्रशासन ने युवक को उसके पैतृक गांव नारायणबगड़ भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सांसद अनिल बलूनी ने राज्यपाल और पंजाब पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की संवेदनशील कार्रवाई लोगों के मन में न्याय व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत करती है, खासकर उन पीड़ितों के लिए जो लंबे समय से शोषण का शिकार हैं।
यह मामला एक बार फिर बंधुआ मजदूरी और मानवाधिकारों के हनन की गंभीरता को उजागर करता है और इस ओर प्रशासनिक सतर्कता की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

Author: Harsh Sharma
Journalist