देश के बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या लंबे समय से लोगों को परेशान कर रही है। दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में तो हालात अक्सर गंभीर बने रहते हैं, लेकिन अब तक मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नै जैसे महानगरों को इससे कुछ हद तक राहत मिली हुई थी। हालांकि हाल के दिनों में मुंबई की हवा भी खराब होती दिखाई दे रही है, जिससे विशेषज्ञों और नागरिकों की चिंता बढ़ गई है।
मुंबई में बढ़ते निर्माण कार्य, वाहनों की बढ़ती संख्या, समुद्री हवाओं का कम होना और मौसम में निरंतर बदलाव इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। कई स्थानों पर प्रदूषण स्तर सामान्य से अधिक पाया गया, जिससे लोगों में आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और एलर्जी की शिकायतें भी बढ़ रही हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो मुंबई भी उन शहरों की श्रेणी में शामिल हो सकता है जहाँ रोज़ाना प्रदूषण संकट बना रहता है। नगर निगम और पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण कम करने के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू करने की बात कही है।
















































































