होशियारपुर में सोमवार को हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद भी पंजाब में यात्री वाहन चालकों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही। इसी कड़ी में जालंधर से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा गया।
शहर के श्री राम चौक पर ट्रैफिक पुलिस ने एक सरकारी स्कूल बस को जब रोका तो हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने आई। 51 सीटों वाली बस में 80 बच्चों को ठूंसा गया था। यही नहीं, जब पुलिस ने बस के दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि बस पर लगी नंबर प्लेट भी फर्जी थी — वह एक मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट थी।
बस चालक राजविंदर सिंह ने बताया कि वह बीते छह महीनों से यह बस चला रहा है, लेकिन उसे बस के दस्तावेजों की जानकारी नहीं है। उसने कहा कि स्कूल से जैसे निर्देश मिलते हैं, वह वैसा ही करता है।
जोन इंचार्ज डिवीजन नंबर चार सब इंस्पेक्टर सुखजिंदर सिंह के अनुसार, बस का ओवरलोडिंग, फर्जी नंबर प्लेट और सीट बेल्ट न होने पर चालान किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को स्कूल वाहनों की नियमित जांच के निर्देश दिए गए हैं। चेकिंग के दौरान जब नियमों की अनदेखी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की गई।
यह मामला स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर तब जब हाल ही में बस दुर्घटनाओं में कई मासूमों की जान जा चुकी है।

Author: Harsh Sharma
Journalist