पंजाब के वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। विजिलेंस द्वारा पहले ही ड्रग मनी मामले में गिरफ्तार किए जा चुके मजीठिया पर अब एक और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, मजीठिया के घर पर छापेमारी के दौरान उनके समर्थकों ने कथित रूप से पुलिस के खिलाफ हिंसा भड़काई। इसको लेकर अब गंभीर आरोप सामने आए हैं। जांच टीम ने मजीठिया पर अधिकारियों को धमकाने, धक्का-मुक्की करने, सबूत नष्ट करने की साज़िश रचने और अपने समर्थकों को हमला करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस टीम को सूचना मिली थी कि मजीठिया के घर में केस से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज़ मौजूद हैं। जब टीम वहां पहुंची तो समर्थकों ने जानबूझकर जांच में बाधा डाली और टीम को सबूत इकट्ठा करने से रोकने की कोशिश की।
गौरतलब है कि मजीठिया की जिस रिहाइश पर छापा मारा गया, वहां पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के नशा तस्कर आ चुके हैं। यही वजह है कि यह ठिकाना लंबे समय से पुलिस की रडार पर था।
7 दिन का रिमांड मिला विजिलेंस को
इस बीच, मोहाली की अदालत ने बिक्रम मजीठिया को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। विजिलेंस टीम ने अदालत में पेश कर उनसे पूछताछ के लिए 12 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन बहस के बाद अदालत ने फिलहाल 7 दिन का रिमांड मंजूर किया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
बिक्रम मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान उनके कई समर्थक भी वहां पहुंचे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अकाली नेता दलजीत चीमा को भी अदालत परिसर में रुकने नहीं दिया गया और उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पंजाब की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है और मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है।

Author: Harsh Sharma
Journalist