Vande Bharat 24 Exclusive
पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों को लेकर सरकार अब निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है। इसी के तहत पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 10 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाया गया है। इस दौरान बेअदबी के मुद्दे पर सख्त कानून लाने पर विस्तार से चर्चा होगी। विधानसभा सचिवालय की ओर से इस सत्र का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, साथ ही राज्य सरकार के सभी संबंधित विभागों को इसकी सूचना भेज दी गई है।
इस साल का दूसरा विशेष सत्र
यह इस वर्ष का दूसरा मौका है जब पंजाब सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इससे पहले अप्रैल में भाखड़ा बांध से पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद के चलते 2 मई को सर्वदलीय बैठक और 5 मई को विशेष सत्र बुलाया गया था। अब सरकार धार्मिक बेअदबी जैसे संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दे पर ठोस कानूनी पहल करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
पहले भी उठी है केंद्र से कानून बनाने की मांग
गौरतलब है कि पंजाब सरकार इससे पहले भी, बजट सत्र के दौरान, केंद्र सरकार से मांग कर चुकी है कि बेअदबी को लेकर एक केंद्रीय सख्त कानून बनाया जाए जिससे दोषियों को जल्द और कठोर सज़ा दी जा सके।
अकाली दल ने दी प्रतिक्रिया
अकाली दल के वरिष्ठ नेता अरशदीप कलेर ने विशेष सत्र बुलाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि
“हर पंजाबी — चाहे वो देश में हो या विदेश में — यही चाहता है कि धार्मिक बेअदबी के दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा मिले। यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से पंजाबियों से जुड़ा मामला है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस गंभीर मुद्दे का राजनीतिक दलों द्वारा शोषण किया गया है। कलेर ने बताया कि 2016 में अकाली दल की सरकार ने इस मुद्दे पर विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था, जिसे सुझाव और सुधारों के लिए केंद्र सरकार ने लौटा दिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे दोबारा केंद्र को भेजने की कोई पहल नहीं की।

“सिर्फ चर्चा नहीं, चाहिए ठोस कानून”
अरशदीप कलेर ने जोर देकर कहा कि यह मुद्दा सिर्फ विधानसभा सत्र तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इस पर ऐसा सख्त कानून बनना चाहिए जिससे भविष्य में कोई भी धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने की हिम्मत न कर सके।
अब सबकी नजरें 10 जुलाई को होने वाले इस विशेष सत्र पर टिकी हैं, जहां से पंजाब में धार्मिक सम्मान की रक्षा के लिए एक ठोस और निर्णायक दिशा तय हो सकती है।

Author: Harsh Sharma
Journalist